-विजिलेंस टीम को राणा ने अपनी गाड़ी से कुचलने का प्रयास भी किया था
शिमला। हिमाचल में हमीरपुर जिले में नादौन पुलिस थाना के एसएचओ नीरज राणा रिश्वत लेने के आरोपों के बाद से अबतक फरार हैं। उनका पता नहीं चल पा रहा है।
मामले में हिमाचल पुलिस की खासी किरकिरी हो रही है। यह मामला तब सामने आया था, जब नादौन एसएचओ नीरज राणा मवेशियों को पठानकोट ले जाने वाली गाड़ी के परमिट देने
के एवज में 25 हजार रुपये रिश्वत लेने पहुंचे थे। रिश्वत लेने के बाद विजिलेंस टीम को राणा ने अपनी गाड़ी से कुचलने का प्रयास किया था और फरार हो गया था। अब नीरज की गाड़ी
से चिट्टा भी मिला है। अब अनुमान है कि आरोपी नीरज हाईकोर्ट में जमानत याचिक लगाने की फिराक में है।
आरोपी नीरज राणा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के हरोली का रहने वाला है। साल 2010 में वह बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती हुआ था। उसका प्रोवेशन ट्रेनिंग पीरियड भी
हमीरपुर और नादौन थाने में ही कटा है। बाद में वह विजिलेंस विभाग शिमला में तैनात रहा। यहां से कांगड़ा जिले के जवाली में बतौर थाना प्रभारी बनाया गया। साल 2020 में नीरज राणा
को नादौन थाने का प्रभारी तैनात किया गया था। मंगलवार को शिकायत को आधार बनाकर विजिलेंस टीम उसे रिश्वत मामले में गिरफ्तार करने पहुंची थी। नादौन स्थित लेबर चैक के
पास विजिलेंस टीम ने नीरज राणा की गाड़ी को रोका तो उसने अपने वाहन से टीम को कुचलने का प्रयास किया था। नीरज राणा के खिलाफ दो धाराओं के तहत मामले दर्ज हुए हैं। एक
मामला हत्या करने का प्रयास का है और दूसरा रिश्वत लेने पर भ्रष्टाचाररोधक अधिनियम के तहत दर्ज हुआ है। गाड़ी की तलाशी में चिट्टा भी मिला है और ऐसे में एक और मामला नशा
तस्करी का दर्ज हुआ है। वहीं, मामले में नीरज को सस्पेंड भी किया गया है। विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं।