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अग्निवीरों को एक और सहूलियत सर्विस के चार साल बाद भी घायल जवानों को मुफ्त इलाज देने की तैयारी

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नई दिल्ली । सरकार अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए जा रहे सैनिकों के लिए मेडिकल सेफगार्ड्स को संस्थागत बनाने पर विचार कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि ड्यूटी के दौरान घायल हुए जवानों को चार साल बाद भी सहायता मिल सके। मौजूदा नियमों में सर्विस के दौरान चोटों के कारण चिकित्सा देखभाल की जरूरत वाले सैनिकों के लिए छुट्टी के बाद के लाभों का उल्लेख नहीं है। पुरानी योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिकों को भूतपूर्व सैनिक स्वास्थ्य योजना के अलावा सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा नेटवर्क से जीवन भर के लिए कवर किया गया था। सीनियर अधिकारियों ने कहा कि इस मामले पर बातचीत जारी है। अगर लंबे समय तक मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है तो ड्यूटी के दौरान घायल हुए किसी भी अग्निवीर का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम उनकी देखभाल करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें सर्वोत्तम संभव देखभाल मिले। सर्विस के दौरान घायल होने पर गंभीरता के आधार पर एकमुश्त 44 लाख से 15 लाख रुपये तक देने का प्रावधान है। अभी तक, चार साल की सर्विस पूरी होने पर घायल सैनिकों के छुट्टी के बाद के इलाज की चर्चा नहीं की गई है। युद्ध के मैदान में हताहतों की स्थिति देखी जाए तो कई सैनिकों को लंबे समय तक चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है, जो वर्षों तक भी जा सकती है। कुछ मामलों में जैसे कि युद्ध में गोली लगने से घायल सैनिकों को जीवन भर मेडिकल सपोर्ट की दरकार होती है। अग्निपथ योजना के तहत देश की तीनों सेनाओं में बड़ी संख्या में युवाओं की चार साल के लिए भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत उन लोगों को देश की रक्षा करने का अवसर मिलेगा जो रक्षा सेवा में जाना चाहते हैं। चार साल पूरा होने के बाद अग्निवीर सेना में स्थायी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे। सेना के अधिकारी अग्निवीरों को उनकी योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर उन्हें स्थायी करने पर विचार करेंगे। 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी कैडर में भर्ती किया जाएगा। अग्निवीरों की तैनाती सेना में हर जगह की जाएगी। यूनिट, मुख्यालय तथा संस्थानों में तैनाती होगी। संचालनात्मक-गैर संचालनात्मक दोनों काम करने होंगे। सेना से रिटायर होने वाले 75 फीसदी अग्निवीरों को 11.71 लाख रुपये की सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा उनको मिले कौशल प्रमाणपत्र और बैंक लोन के जरिये उन्हें दूसरी नौकरी शुरू करने में मदद की जाएगी।

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