नई दिल्ली। प्रोफेशनल टैक्सी ड्राइवर बनने की इच्छुक महिलाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ने सोमवार को एक स्कीम लॉन्च की, जिसके तहत सरकार महिलाओं की ड्राइविंग की ट्रेनिंग का 50 प्रतिशत खर्चा वहन करेगी। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि बीते कुछ सालों में हमने परिवहन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि महिलाएं आगे आएं दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र को आगे ले जाने में अपना योगदान दें।दिल्ली सरकार ने कहा कि महिलाओं की ड्राइविंग की ट्रेनिंग का 50 प्रतिशत प्रतिशत खर्चा जो कि प्रति महिला लगभग (4,800) बैठता है उसे परिवहन विभाग बहन करेगा। महिलाओं की ट्रेनिंग बुराड़ी, लोनी और सराय काले खां स्थित सरकारी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों में होगी। सरकार इन कंपनियों में ड्राइविंग रोजगार चाहने वाली महिलाओं के लिए शेष 50 प्रतिशत लागत को प्रायोजित करने के लिए गाड़ी मालिकों और एग्रीगेटर्स को भी आमंत्रित करेगी। सरकार ने कहा कि वह कंपनियों के साथ एक तंत्र स्थापित करने के लिए काम करेगी ताकि पहल के माध्यम से प्रशिक्षित महिलाओं को इन कंपनियों में नौकरी की गारंटी मिल सके। विभाग जल्द ही नोटिस जारी कर इन कंपनियों से इस विषय में उनकी राय मांगेगा। सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि राज्य की कई महिलाओं ने अपनी आजीविका के लिए ड्राइवर बनने की इच्छा जाहिर की है। बता दें कि दिल्ली सरकार जल्द से जल्द सार्वजनिक परिवहन के बेड़े को इलेक्ट्रिक करने के लिए प्रयासरत है। इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाना पेट्रोल-डीजल वाहनों को चलाने से ज्यादा आसान होता है, इसका फायदा सीधे तौर पर महिला ड्राइवरों को मिलेगा। फरवरी में, दिल्ली सरकार ने अपने बस संचालन के भीतर अधिक महिलाओं को ड्राइवर के रूप में भर्ती करने के लिए पात्रता मानदंडों में ढील दी थी। इसने न्यूनतम ऊंचाई की आवश्यकता को 159 सेमी से घटाकर 153 सेमी और महिला आवेदकों के लिए बस चालक के रूप में शामिल करने के लिए ष्अनुभव मानदंडष् को भी कम कर दिया था। वहीं, अप्रैल में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुराड़ी में सोसाइटी फॉर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसडीटीआई) में महिलाओं को अपने भारी मोटर वाहन (एचएमवी) लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए ष्मिशन परिवर्तनष् की शुरुआत की थी।