Aaj Ki Kiran

सगाई वाले दिन फौजी फांसी के फंदे पर झूला

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खुशी का माहौल गमगीन में तब्दील

फौजी अपनी सगाई के लिए छुट्टी लेकर आया था घर

अनिल शर्मा
,ठाकुरद्वारा ( मुरादाबाद )। फौजी ने सगाई वाले दिन कमरे में बंद होकर फांसी पर लटक कर अपनी जान दे दी । पता उस समय चला जव बुधवार की सवेरे 5 बजे परिजनों ने सगाई का कुछ सामान लाने के लिए फौजी के कमरे का दरवाजा खटखटाया दरवाजा न खुलने पर खिड़की से झांक कर देखा तो फौजी का शव फंदे में लटका था । परिजनों की चीख-पुकार पर घर में मौजूद मेहमानों बे पड़ोसियों की भीड़ जुट गई । किसी तरह दरवाजा तोड़कर फौजी को रस्सी के फंदे से नीचे उतारा I खुशी का माहौल गमगीन हो गया ।
कोतवाली क्षेत्र की पुलिस चौकी सूरजयनगर के गांव टांडा अफजल निवासी राम रतन सिंह का बड़ा बेटा नकुल पंजाब के पठानकोट में आर्मी का जवान है। परिजनों का कहना है कि नकुल का रिश्ता उत्तराखंड के थाना जसपुर के गांव हजीरो 7 वर्ष पूर्व तय हुआ था । बुधवार को सगाई की रस्म दोपहर 12:00 बजे होनी थी I सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी । अधिकांश मेहमान भी आ चुके थे I घर में खुशी का माहौल था I रात्रि 3:00 बजे के लगभग नकुल अपने कमरे में सोने के लिए जा रहा था । इसी दौरान किसी का फोन आने पर बात करता हूं अपने कमरे में कुंदा बंद कर सो गया । उधर घर में मेहमानों के लिए खाना बनाने की तैयारियां चल रही थी । जब की मिठाई आदि सब कुछ बनकर तैयार हो गई थी । करीब सवेरे 5:00 बजे नकुल की आवश्यकता पड़ने पर उसके कमरे का कुंडा खटखटाया काफी समय तक न खुलने पर खिड़की से झांककर देखा तो वे फांसी पर लटका था । चीख-पुकार पर शोर-शराबे पर मेहमान मोहल्ले के लोग एकत्र हो गए किसी तरह आनन-फानन में दरवाजा तोड़कर नकुल का शव उतारा । परिजनों का परिजनों रिश्तेदारों एक गांव वालों का रोते बिलखते हार बुरा हाल था। सूचना मिलते ही गांव का माहौल गमगीन हो गया । सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले पीएम के लिए भेज दिया I देर शाम जवान बेटे का शव गांव पहुंचने पर मां चंद्र वती रोते बिलखते बेहोश हो गई । छोटे भाई अरविंद बड़ी बहन अंशु ताऊ चाचा का रोते बिलखते बुरा हाल था देर रात ही अंतिम संस्कार कर दिया गया । मृतक के पिता रामरतन ने बताया कि घर में खुशी का माहौल था बेटे की मर्जी से ही शादी हो रही थी । आज तारीख क्या थी 17 नवंबर दिन बुधवार को दोपहर 12:00 बजे सगाई की राशि निर्धारित की गई थी । नकुल सगाई के लिए 12 नवंबर को घर आया था सभी तैयारियां खुशी के साथ की जा रही थी लेकिन उन्हें क्या पता था कि आज का दिन उनके परिवार के लिए आज का दिन मनूस होगा । घर में बने सारे पकवान बेकार हो गए । बेटे के सहारे उनका जीवन काट रहा था । सूचना पर ससुराल पक्ष में भी गांव का माहौल गमगीन हो गया । फांसी के फंदे पर लटकने का कोई भी कारण उनकी समझ से बाहर है ।

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