काशीपुर। यूक्रेन और रूस के बीच हो रहे यु( के कारण वहां फंसे भारतीय छात्रों को भारत सरकार द्वारा निकाले जाने का क्रम लगातार जारी है। इसी के तहत काशीपुर की युवती कादंबिनी मिश्रा जो यूक्रेन के इवानफ्रेंकईव्स शहर में मेडिकल की पांचवें वर्ष की छात्रा है देर रात काशीपुर पहुंची।
कादिम्बिनी मिश्रा पुत्री अशोक मिश्रा के यूक्रेन से सकुशल वापस लौटने पर परिवार में खुशी का माहौल है। कादिम्बिनी मिश्रा ने बताया कि वह इवानफ्रेंकईव्स शहर में वहां की इवानफ्रेंकईव्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पांचवीं वर्ष की छात्रा हैं। उन्होंने बताया कि उनके शहर में हालात फिलहाल सामान्य थे लेकिन उनकी यूनिवर्सिटी केे कुछ टीचर्स के द्वारा यु( के हालात होने पर बावजूद भी पढ़ाई पर ही जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के हालात बहुत खराब हैं। वह तो अपने घर पहुंच गयी हैं और वह चाहती हैं कि अन्य स्टूडेंट में शीघ्र ही अपने-अपने घर पहुंच जायें। कादिम्बिनी के पिता और काशीपुर के पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी अशोक मिश्रा ने मेडिकल की शिक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेडिकल की शिक्षा ग्रहण करने के लिए यूक्रेन, फिलीपींस और बांग्लादेश आदि देशों की सिकल यूनिवर्सिटी का रूख करने वाले बच्चे नीट क्वालिफाइड हैं और हमारे देश में मेडिकल की पढ़ाई इतनी मंहगी हो गयी है कि यदि बच्चा मेडिकल की पढ़ाई करना चाहता है तो बाध्य होकर उसके विदेश मेडिकल शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजना पड़ता है। यहां निजी मेडिकल कालेजों की फीस इतनी महंगी है कि मध्यमवर्गीय परिवार उसे वहन नहीं कर सकता।