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राजस्थान के शख्स ने चांद पर खरीदी बेटे और पोती के लिए जमीन

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 झुंझुनूं। शेखावाटी के सैनिक बहुल झुंझुनूं जिले के एक शख्स ने चांद पर जमीन खरीदने का दावा किया है। झुंझुनूं जिले के इस्लामपुर निवासी होटल व्यवसायी एनआरआई ओमप्रकाश जांगिड़ ने यह दावा किया है। उनका दावा है कि उन्होंने 2012 में चांद पर सी ऑफ मसकोवी में तीन एकड़ जमीन ली थी। यह दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की चांद पर स्थित जमीन के पास है। इसके बाद उन्होंने 11 एकड़ जमीन 2018 में और खरीदी थी। उस वक्त यूएस में भूमि इंटरनेशनल लूनर लैंड्स से चांद पर जमीन खरीदी जा रही थी। इसके कागजात हाल ही में आए हैं। जांगिड़ के मुताबिक उन्होंनें चांद पर जमीन इसलिये ली है, ताकि उनके पोते और पोती उन्हें याद रख सकें। बेटा अभिषेक पायलट है। आज के समय में जमीन खरीदना एक बड़ी बात है। वह जमीन भी चांद पर खरीद लें तो उसकी चर्चा होना स्वाभाविक है। होटल व्यवसायी एनआरआई ओमप्रकाश जांगिड़ ने बताया कि वे और उनका बेटा अभिलाष जांगिड़ 2012 में यूएस में थे। उस वक्त यूएस में भूमि इंटरनेशनल लूनर लैंड्स से चांद पर जमीन खरीदी जा रही थी। उन्होंने तीन एकड़ जमीन के लिए ऑनलाइन एप्लाई किया था। उसके बाद उन्हें सी ऑफ मसकोवी में कुछ साल बाद अलॉटमेंट किया गया और उसके कागजात भी मिल गए। बकौल जांगिड़ उसके बाद उन्होंने 2018 में फिर से 11 एकड़ जमीन के लिए एप्लाई किया था। उसके कागजात हाल ही में उन्हें मिले हैं। यह जमीन उन्हें लेक ऑफ हैप्पीनेस में मिली है। ओमप्रकाश जांगिड़ ने बताया कि उन्हें खुद नहीं पता कि आगे इस जमीन का क्या होने वाला है, लेकिन वे इतना जरूर जानते हैं जब उनके पोते-पोती बड़े होंगे तो इतना जरूर कह सकेंगे कि उनके दादा ने उनके लिए चांद पर जमीन खरीद रखी है। इसमें से तीन एकड़ जमीन बेटे अभिलाष को और 11 एकड़ जमीन पोती को गिफ्ट की है। अभिलाष जांगिड़ ने बताया कि उन्हें जमीन का लैंड मार्क, बोर्डिंग पास, रिटर्न टिकट, रजिस्ट्री, डीडी आदि लुनार पोपर्टीज ने भेजी है।ओमप्रकाश जांगिड़ के अलावा भी आपने कई लोगों के बारे में सुना होगा कि उन्होंने चांद पर जमीन खरीदी है। इंटरनेट पर कई ऐसी वेबसाइट हैं जो आपको चांद पर जमीन खरीदने का ऑफर देती हैं और आप जब पेमेंट करते हैं तो आपको कागज भी मिलते हैं। इन दिनों काफी लोग इन वेबसाइट का सहारा लेकर अपनों को चांद पर जमीन गिफ्ट दे रहे हैं। अगर कानून की बात करें तो जानकारों के अनुसार यह गैरकानूनी है। दरअसल 104 देशों ने मिलकर 1967 में एक आउटर स्पेस ट्रीटी साइन की थी। इसके नियमों के अनुसार चांद किसी भी देश के अंडर में नहीं आता है।  वीडियो वायरल होने के बाद इसका खुलासा हुआ। वीडियों में आईएएफ कर्मियों को फंसे हुए चालक दल को बचाने के लिए जल्दबाजी में उतरते और कॉकपिट की ओर भागते हुए देखा जा सकता है। डोर्नियर 228 भारतीय तटरक्षक बल के लिए एचएएल द्वारा निर्मित एक जुड़वां इंजन टर्बोप्रॉप, अत्यधिक बहुमुखी बहु मिशन समुद्री गश्ती विमान है। एक अधिकारी ने कहा कि विमान विभिन्न परिचालन गति के साथ हल्का है और ईंधन कुशल है। इसमें समुद्री गश्त और निगरानी से लेकर समुद्री प्रदूषण आकस्मिकता, खोज और बचाव से लेकर चिकित्सा निकासी तक तेजी से भूमिका बदलने की क्षमता है।

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