तिरुवनंतपुरम। कर्नाटक के एक शैक्षणिक संस्थान में हिजाब विवाद का आज से पूरा देश झुलस रहा है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हिजाब विवाद पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि मुझे लगता है कि यह कोई विवाद नहीं है, बल्कि मुस्लिम युवतियों को उनके घरों की चार दीवारों में धकेलने की एक जान-बूझकर की गई साजिश है। ये सब मुस्लिम लड़कियों को हतोत्साहित करने का प्रयास है। केरल के राज्यपाल ने कहा कि मुस्लिम लड़कियां लड़कों की तुलना में बेहतर कर रही हैं। उन्होंने आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अरब समाज में ऐसे लोग थे जो जन्म के तुरंत बाद अपनी बच्चियों को दफना देते थे। इस्लाम ने इसे समाप्त किया, खत्म कर दिया, लेकिन कुछ लोगों में वह मानसिकता आज भी अभी भी कायम है। पहले उन्होंने तीन तलाक का आविष्कार
किया, फिर हिजाब और फिर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करने के लिए अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहमम्द खान ने कहा कि भारत को यह मानने के लिए कहा जा रहा है कि हिजाब इस्लाम का आंतरिक मामला है। अगर हम उस तर्क को स्वीकार करते हैं, तो मुस्लिम लड़कियों को फिर से उनके घरों में धकेल दिया जाएगा। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अगर लड़कियां घरों की चार दीवारों में रहेंगे और बाहर नहीं निकल पाएंगी तो उनकी शिक्षा
में रुचि कम हो जाएगी। उन्होंने कहा, इस्लाम में ऐसे कई मामले हैं, जब महिलाओं ने हिजाब पहनने से इनकार कर दिया था। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, निहित स्वार्थ के लिए
महिलाओं को काले युग में वापस ले जाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, हिजाब इस्लाम का आंतरिक हिस्सा नहीं है। 1986 में सरकार कट्टरपंथियों के दबाव में झुक गई थी, लेकिन यह सरकार दबाव में नहीं झुकेगी। राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने कहा, छात्रों को मेरी सलाह है कि कक्षा में वापस जाएं और पढ़ाई करें। जीवन में बेहतर करने के लिए यहां सबसे अच्छा वातावरण मिलता है। केरल के राज्यपाल ने कहा, मैं पाकिस्तान के बयान पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। वहीं, इस मामले में मलाला की प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा, शायद उन्हें गलत जानकारी दी गई। भारत में कहीं भी हिजाब पर प्रतिबंध नहीं है। कुछ संगठनों में नियम होते हैं, जिनका पालन करना होता है। आरिफ मोहम्मद खान ने अपनी बात को साबित करने के लिए पैगंबर मोहम्मद की रिश्तेदार कही जाने वाली एक महिला की कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा,
श्श्मैं आपको सिर्फ एक उदाहरण देता हूं। एक युवा लड़की, जिसका पालन-पोषण पैगंबर के घर में हुआ था, वह पैगंबर की पत्नी की भतीजी थी। वह सुंदर थी। मध्यकाल में महिला का पति कूफा का तत्कालीन गवर्नर था, उसे हिजाब न पहनने
के लिए फटकार लगाई गई थी। आरिफ मोहम्मद खान ने बताया कि इसके बाद महिला ने कहा, ईश्वर ने उसे सुंदर बनाया है और सर्वशक्तिमान ने उस पर सुंदरता की मुहर लगाई है। इसलिए मैं चाहती हूं कि लोग मेरी सुंदरता देखें और मेरी
सुंदरता में भगवान की कृपा देखें। वे ईश्वर का शुक्रगुजार करें।