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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर कृषि मेले का किया उद्घाटन, किसानों के लिए कई नई घोषणाएँ

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर कृषि मेले का किया उद्घाटन, किसानों के लिए कई नई घोषणाएँ

मुख्यमंत्री ने पंतनगर विश्वविद्यालय की नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण, ‘पंतनगर प्रवाह’ पुस्तक का विमोचन किया; किसानों को ब्याजमुक्त ऋण, 80% सब्सिडी और नहरों से मुफ्त सिंचाई की सौगात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर कृषि मेले का किया उद्घाटन, किसानों के लिए कई नई घोषणाएँ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर कृषि मेले का किया उद्घाटन, किसानों के लिए कई नई घोषणाएँ

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित 118वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण और पंतनगर प्रवाह’ पुस्तक का विमोचन किया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के मेले में 400 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 200 से अधिक स्टार्टअप्स और कृषि उद्योगों ने भाग लिया है। उन्होंने कहा कि कृषि मेले सिर्फ प्रदर्शन का मंच नहीं हैं, बल्कि यह किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच नवाचार और ज्ञान के आदान-प्रदान का माध्यम भी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विधियों से खेती को अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी बनाना समय की आवश्यकता है। किसानों की आय में वृद्धि, प्रदेश की समृद्धि का मार्ग है।”

 

मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएँ और बातें:

प्रदेश के किसानों को 3 लाख रुपये तक ब्याजमुक्त ऋण मिलेगा।
कृषि उपकरणों पर 80% तक सब्सिडी, फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत।
नहरों से सिंचाई पूरी तरह मुफ्त, किसानों की लागत में भारी कमी।
पॉलीहाउस निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान।
गेहूं पर ₹20 प्रति क्विंटल बोनस और गन्ने के मूल्य में ₹20 प्रति क्विंटल की वृद्धि।
1000 करोड़ रुपये की लागत से ‘उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट’स्वीकृत।
सेब, कीवी, मिलेट और ड्रैगन फ्रूट नीति लागू — बागवानी में 80% सब्सिडी का लाभ।
किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख तक की गई।

 

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन हो रहे हैं।
देशभर के 11 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सहायता मिल रही है, जिसमें उत्तराखंड के लगभग 9 लाख किसान शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, मानधन योजना, मिलेट मिशन, और बूंद-बूंद सिंचाई योजना जैसी योजनाएँ किसानों को आधुनिक तकनीक और सुरक्षा कवच प्रदान कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि *“हमारी सरकार किसानों को सिर्फ सहायता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”*

समान नागरिक संहिता पर बोले मुख्यमंत्री:

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करना एक ऐतिहासिक निर्णय है, जिससे सभी नागरिकों को **एक समान अधिकार और कानून मिला है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि “UCC किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं, बल्कि समानता और समरसता का प्रतीक है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे महिला सशक्तिकरण को भी बल मिला है और समाज में समानता की भावना को मजबूती मिली है।

 

कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थिति:

कार्यक्रम में विधायक शिव अरोरा, त्रिलोक सिंह चीमा, सुरेश गाड़िया, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला,
जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान,
तथा अनेक कृषि वैज्ञानिक, छात्र एवं किसान बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कुलपति डॉ. चौहान ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय शोध और नवाचार के क्षेत्र में अग्रसर है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष मेले में 507 स्टॉल** लगे हैं और अब तक 20 हजार से अधिक किसान** प्रतिभाग कर चुके हैं।