भूमि की 143 कराने में उद्यमियों को आ रही समस्या: जिंदल

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काशीपुर। कुमायूँ गढ़वाल चैम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ;केजीसीसीआईद्ध के अध्यक्ष विकास जिन्दल द्वारा अवगत कराया गया है कि राज्य में उद्यमियों को नए उद्योग स्थापित करने हेतु कृषि भूमि को 143 अर्थात् अकृषक भूमि में परिवर्तित कराने में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इससे राज्य में औद्योगीकरण भी प्रभावित हो रहा था।
इस सम्बन्ध में चैम्बर द्वारा मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी से माँग की गयी थी कि जब कोई उद्यमी सिंगल विण्डो सिस्टम में आवेदन करता है तो जिस भूमि पर वह उद्योग लगा रहा है उस भूमि का विवरण उद्योग विभाग द्वारा सम्बन्धित सहायक कलैक्टर/उप जिलाधिकारी को भेजा जाना चाहिए तथा उद्योग विभाग द्वारा ही ईज आॅफ डूईंग बिजनेस के अन्तर्गत यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि धारा 143-क के अनुसार उक्त भूमि के अकृषिक होने का आदेश पारित हो जाए। इस प्रावधान से उद्योग का उत्पीड़न से बचाव के साथ ही भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लग सकेगा। चैम्बर की माँग पर मुख्यमन्त्री द्वारा 21 दिसम्बर को उत्तराखण्ड शासन, राजस्व अनुभाग से एक अधिसूचना जारी करायी गयी है जिसका नाम उत्तराखण्ड ;उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था नियमावली, 1952द्ध ;संशोधनद्ध नियमावली, 2021 है। इसके अन्तर्गत यदि औद्योगिक प्रयोजन के लिए भूमि को अकृषिक किए जाने हेतु उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन अधिनियम, 2012 ;उत्तराखण्ड अधिनियम संख्या 5 वर्ष 2013द्ध के अनुक्रम में भूमिधर द्वारा प्रार्थना पत्र एवं वास्तव में प्रयोग होने वाली अकृषिक भूतम का नक्शा, जो राजस्व उपनिरीक्षक से निम्न स्तर पर न बनाया गया हो तथा राज्य प्राधिकृत समिति अथवा जिला प्राधिकृत समिति के द्वारा अनुमोदित किया गया हो, प्रस्तुत किया जाता है तो ऐसे प्रस्तुत प्रार्थना पत्र तथा अकृषिक भूमि के नक्शे को उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन अधिनियम के अधीन अनुमोदित मानते हुए प्रभारी सहायक कलेक्टर उपनियम ;2द्ध में उल्लिखित प्रक्रिया से छूट प्रदान करते हुए खतौनी में दर्ज किए जाने की घोषणा करेगा। इसके साथ ही राज्य में ऐसे विकास प्राधिकरण क्षेत्र जहाँ महायोजना लागू की गयी है, ऐसे महायोजना विकास क्षेत्र में धारा 143 के अन्तर्गत भूमि को अकृषिक घोषित किए जाने की आवश्यकता नहीं होगी। केजीसीसीआई अध्यक्ष विकास जिन्दल द्वारा इस पर हर्ष व्यक्त करते हुए उद्योग जगत की ओर से मुख्यमन्त्री का धन्यवाद किया है।

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