लखनऊ । उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सहयोगी दलों के लिए सीट बंटबारे का फॉर्मूला तैयार किया है। सपा प्रमुख ने सहयोगी दलों के साथ बैठक की जिसमें निर्णय लिया गया कि सपा अपने सहयोगियों के लिए 50 से 60 सीटें छोड़ देगी। इसमें कुछ उम्मीदवार सपा के चुनाव चिह्न के माध्यम से मैदान में उतरा जाएगा। हालांकि, अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि सपा एकाद दिनों के भीतर इसका ऐलान करेगी।साल 2022 के चुनाव को लेकर अखिलेश काफी ज्यादा आशान्वित नजर आ रहे हैं।हालांकि उन्होंने साल 2017 का विधानसभा चुनाव नहीं भूलना चाहिए।चुनाव में अखिलेश ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में बुआ और बबुआ साथ आ गए थे और फिर भी लोगों के बीच में अपनी पहुंच नहीं बना पाए। इसके बाद अखिलेश यादव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वहां इस बार छोटे-छोटे दलों को साथ लेकर आगे बढ़ने वाले है। सूत्रों ने बताया कि सपा ने ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा को 8, चाचा शिवपाल यादव की प्रसपा को 6, संजय चौहान की जनवादी पार्टी और केशव देव मौर्य के महान दल को 3-3 सीटें दे सकती है। इसके अलावा अखिलेश राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख जयंत चौधरी को 25 से 30 सीटें दे सकते हैं। माना जा रहा है कि एनसीपी और टीएमसी के लिए भी पार्टी 1-1 सीट छोड़ सकती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा के उम्मीदवार सपा के चिह्न पर भी मैदान पर उतरने वाले हैं। सपा प्रमुख ने सहयोगी दलों के साथ की एक तस्वीर साझा की।