काशीपुर। स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने गढ़ीनेगी स्थित श्री हरिकुपा धाम आश्रम में भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि थोड़ी सी विषमता होने पर घर परिवार व समाज में अशांति पैदा हो जाती है, लेकिन भगवान शंकर तो इतनी विविधताओं, विषमताओं यहाँ तक कि एक दूसरे के स्वभाविक शत्रुओं को समेट कर बैठे हैं। इन विविधताओं व विषमताओं के बावजूद उनके परिवार में आपसी प्रेम और सदभाव बरक़रार रहता है।
उन्होंने कहा कि राम का भक्त यदि माँ बाप का निरादर करें, उनकी आज्ञापालन न करें, संत, गुरु व ब्राह्मण का निरादर करे। भाई भाई से लड़े, कर्तव्य व मर्यादा का पालन न करें मात्र अधिकार के लिए ही लड़ता रहे, अधर्म का साथ दे, लोगों से घृणा करें, अभिमान में ही अकड़ा फिरे तो कैसा राम भक्त है? विचार करें। महाराज जी के दिव्य व ओजस्वी प्रवचनों से सारा वातावरण भक्तिमय हो उठा तथा सभी मंत्र मुग्ध हो गये व “हरि बोल” की धुन में झूम उठे।
इससे पूर्व प्रातः 8 बजे श्री हरेश्वर महादेव का विश्व कल्याणार्थ एंव भारत की समृ(ि व ख़ुशहाली की कामना से महाभिषेक किया गया। उसके बाद राम चरित मानस पाठ का समापन किया गया। श्री हरेश्वर महादेव मंदिर, श्री हरि कृपा धाम आश्रम में रात्रि 12 बजे से ही श्री हरेश्वर महादेव पर जल चढ़ाने के लिए लंबी क़तारें लग गई थी। हज़ारों श्र(ालुओं के साथ साथ श्री हरेश्वर महादेव के दर्शन व श्री महाराज जी के दर्शन एंव दिव्य प्रवचन सुन आशीर्वाद लेनें वालों में मुख्य रूप से राज्य मंत्री महिला उपाध्यक्ष श्रीमती ज्योति शाह मिश्रा, प्रदेश मंत्री आशीष गुप्ता, विधायक रामनगर दीवान सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक जसपुर शैलन्द्र मोहन सिंघल आदि शामिल हैं।