सूरत।शहर में एक और परिवार ने सांसारिक मोह माया का त्याग कर बैरागी जीवन बिताने का फैसला किया हैद्य सूरत की नंदनवन सोसायटी में रहनेवाले उत्तरी गुजरात के धानेरा के मूल निवासी निरव वलाणी पत्नी सोनल और पुत्री विहा के साथ दीक्षा ग्रहण करने जा रहे हैं। 10 फरवरी को निरव वलाणी की पत्नी सोनल और पुत्री विहा सूरत के वेसू क्षेत्र की महावीर
कॉलेज में रश्मिरत्नसूरिजी के करकमलों से दीक्षाग्रहण करेंगेद्य जबकि निरव वलाणी 17 फरवरी को आंध्र प्रदेश के तेनाली में मुनिराज गुणहंसविजय महाराज के करकमलों से दीक्षाग्रहण करेंगे। केवल कक्षा 4 तक पढ़ाई करने वाले निरव वलाणी को संस्कृत के 1500 से ज्यादा श्लोक कंठस्थ हैं। निरव वलाणी ने बताया कि उनके पुत्र लक्ष्य ने पांच साल पहगले 13 वर्ष की आयु में दीक्षा ग्रहण की थी। फिलहाल वह क्षमाश्रमणविजय महाराज के रूप में साधु जीवन बिता रहा है। बेटे के संयम को देख मुझे और परिवार के अन्य सदस्यों ने भी संयम का मार्ग अपनाने का निर्णय किया है। निरव वलाणी सूरत के वेसू क्षेत्र में परिवार के साथ रहते हैं और बड़े हीरा कारोबारी हैं। शादी से पहले ही निरव संन्यासी बनना चाहते थे, उस इच्छा को अब
शादी के बाद पूर्ण करने जा रहे हैं। निरव वलाणी अकेले ही नहीं बेटी और पत्नी के साथ करोड़ों रुपए की संपत्ति त्यागकर संन्यासी का जीवन बिताएंगे।