मुकुल मानव
मुरादाबाद। स्टेटस सिंबल कहें या फिर जरूरत। आधुनिक दौर में महिलाओं में भी लाइसेंसी हथियार रखने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। जनपद में सक्रिय 21831 लाइसेंसी हथियारों में तीन प्रतिशत महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हैं। ये संख्या तो कम है, लेकिन नए आवेदनों में महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसमें महिलाओं ने आत्मरक्षा का हवाला देकर बंदूक, रायफल और रिवाल्वर के लाइसेंस की रिमांड की हैं। घूंघट और चहारदीवारी की प्रथा तोड़कर महिलाएं अब हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर रही हैं। पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। नौकरी, कारोबार और राजनीतिक क्षेत्र में आगे आ रहीं महिलाओं में पुरुषों की तरह लाइसेंसी हथियार रखने का शौक भी बढ़ गया है। मुरादाबाद में 21831 लाइसेंसी हथियार हैं। 655 हथियारों का लाइसेंस महिलाओं के नाम पर पंजीकृत किया गया है। दो हजार से ज्यादा लोगों के लाइसेंस के लिए फार्म रखे और शासन की गाइड लाइन के मुताबिक, शस्त्र लाइसेंस के लिए अपनी अपनी फाइलों तैयार कर जमा कराई। तमाम फाइलें तो चौकी, थाने, सीओ कार्यालय, एसपी सिटी कार्यालय और एसपी देहात कार्यालय, एलआईयू कार्यालय में मानकों में खरी नहीं उतरीं। नतीजतन कुछ फाइलें निरस्त कर दी गईं और कुछ फाइलों को दोबारा जांच के लिए भेज दिया गया है। 308 फाइलें सभी मानकों पर ठीक हैं। इसमें 26 महिलाएं हैं। नए लाइसेंस के लिए आवेदक करने वाली महिलाओं को रिवाल्वर ज्यादा पसंद है। जिन 26 महिलाओं ने आवेदन किया है, जिसमें सबसे ज्यादा पंद्रह महिलाओं ने रिवाल्वर की डिमांड की है, जबकि तीन महिलाओं ने रायफल, छह ने बंदूक के लिए आवेदन किया है। आवेदन करने वाली महिलाएं नेताओं के परिवार से हैं या फिर अधिकारियों की पत्नियां हैं। कुछ ही महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पति कारोबारी हैं।
लाइसेंसी हथियार के लिए आवेदन करने वालों में पहले की तुलना में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। जिला प्रशासन की ओर से पुलिस विभाग से रिपोर्ट मांगी जाती है। जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन को भेज दी जाती है। इसके बाद प्रशासन स्तर से ही लाइसेंसी जारी करने के लिए निर्णय लिया जाता है।