काशीपुर। पुराना आवास विकास स्थित महाराजा अग्रसेन पार्क में आयोजित श्रीराम कथ में व्यास पीठाधीश्वर श्रीरामकथा मर्मज्ञ पूज्यपाद पं. बृजेश जी पाठक ने प्रभु श्रीराम द्वारा अपनी अनन्य भक्ति शिरोमणि शबरी को नवधा भक्ति का मर्म बताया। बताया कि गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीराम चरित मानस में तीन बार ”गुरु-पद-रज“ का सेवन किया है। तुलसीदास जी कहते हैं कि इस संसार रूपी भवसागर से बिना एक सच्चे गुरु की कृपा के पार उतर पाना सम्भव नहीं है। पूज्य व्यास जी महाराज बुधवार को नित्य की भांति निर्धारित समय अपराहन 3ः30 बजे प्रारम्भ नवदिवसीय श्रीराम कथा की अमृत वर्षा के चौथे दिन प्रभु श्रीराम द्वारा बताई गई नवधा भक्ति में से चौथी भक्ति का वर्णन कर रहे थे। इस दौरान व्यास पीठ का पूजन देवेन्द्र कुमार जिन्दल, इन्जी. दुलार सिंह, मनोहर लाल गुप्ता, विजय कुमार बतरा, बृजमोहन अग्रवाल, सूरज पाल सिंह, जयप्रकाश शर्मा, वेद प्रकाश सैनी, कौस्तुमानन्द शर्मा व शिवमोहन अग्रवाल ने किया। आरती एवं प्रसाद वितरण से पूर्व संचालन कर रहेकृकृष्ण कुमार अग्रवाल एडवोकेट ने आग्रह किया कि कथा श्रवण हेतु में निश्चित समय अपराहन 3ः30 बजे से 30 मिनट पूर्व पहुँचने की कृपा करें।