चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान गुरुवार को डॉ. गुरप्रीत कौर (गोपी) के साथ विवाह बंधन में बंध गए हैं। ये शादी सिख रीति रिवाज के साथ मुख्यमंत्री आवास में संपन्न हुई। शादी में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा मौजूद रहे। शादी में केजरीवाल ने शादी में पिता की और राघव चडड्ढा ने भाई की रस्में निभाईं। भगवंत मान की मां हरपाल कौर की ख्वाहिश थी कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अपना घर फिर से बसा लें। इसके बाद मुख्यमंत्री शादी के लिए राजी हुए। भगवंत मान के लिए मां और बहन मनप्रीत कौर ने लड़की चुनी। पंजाब के मुख्यमंत्री बनने से पहले भगवंत मान संगरूर से दो बार सांसद रह चुके हैं।
भगवंत मान की पत्नी उनके परिवार की करीबी हैं। लंबे समय से भगवंत मान और गुरप्रीत कौर एक-दूसरे को जानते हैं। दोनों की मुलाकात करीब चार साल पहले हुई थी। भगवंत की यह दूसरी शादी है। पहली पत्नी से उन्होंने 2015 में तलाक ले लिया था। पहली शादी से मान के 2 बच्चे दिलशान (17) और सीरत (21) हैं और मां के साथ अमेरिका में रहते हैं।
खुद उठाया शादी का खर्च
शादी के आयोजन का खर्च मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद उठाया। भगवंत ने शादी में सिल्क का गोल्डन कलर का कुर्ता-पायजामा पहना था। पगड़ी पीली कलर की थी। इस पर मोती और कलगी थी। वहीं गुरप्रीत ने लाल रंग का हैवी एम्ब्रॉयडरी वाला लहंगा पहना था। शादी की सभी रस्में सीएम आवास में हुईं। इसमें बेहद करीबी लोग शामिल हुए। आनंद कारज के लिए जाते समय मुख्यमंत्री मजाकिया अंदाज में दिखे। रिबन काटते समय उन्होंने सालियों से मजाक किया। इस दौरान उन्होंने सालियों को तोहफे के रूप में सोने की अंगूठियां भेंट कीं।
खाने में पंजाबी रसोई
मान की शादी के खाने में मेहमानों को पंजाबी खाना परोसा गया। बिरयानी, पुलाव और कॉन्टिनेंटल किचन की भी व्यवस्था थी। मेहमानों का मुंह मीठा करने के लिए नेचुरल आइसक्रीम के अलावा शाही टुकड़ा, मूंग की दाल का हलवा, अंगूरी रस मलाई, जलेबी, रबड़ी और गुलाब जामुन परोसे गए।
भगवंत मान और गुरप्रीत भाभी को विवाह की ढेंरों शुभकामनाएं। आप दोनों को भगवंत खूब खुश रखे और दुनिया की सारी खुशियां दें। अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार।
मान साहब और डॉ. गुरप्रीत कौर को बहुत-बहुत बधाई। छोटा सा विवाह कार्यक्रम था जो संपन्न हुआ है। हम सब बहुत खुश हैं लेकिन सबसे ज्यादा मान साहब की मां खुश हैं। उन्होंने अपने बेटे का घर दोबारा बसते देखा है। राघव चडड्ढा, राज्यसभा सांसद।