गुरुग्राम । राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) में खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर 125 करोड़ रुपये की ठगी करने वाला मास्टरमाइंड विदेश भागने की तैयारी में था। विदेश जाने के लिए आरोपी ने तैयारियां भी शुरू कर दी थीं, लेकिन उसके विदेश जाने से पहले ही अपराध शाखा मानेसर ने मास्टरमाइंड बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट प्रवीण यादव, पत्नी ममता यादव और बहन रितुराज यादव को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खाते में करोड़ों रुपये आने के बाद आरोपियों ने सबसे पहले करोड़ों रुपयों की लग्जरी कारें खरीदीं। इसके अलावा प्रॉपर्टी खरीदी और लग्जरी विला को किराये पर लेकर मौज-मस्ती भी की। इसके बाद करोड़ों रुपयों का एक बार फिर से शेयर मार्केट में भी निवेश किया। च में सामने आया है कि आरोपी ने ठगी की योजना पर साल 2021 सितंबर में काम करना शुरू कर दिया था। ऐसे में छह महीनों में उसने 125 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली। करोड़ों रुपये मिलने के बाद आरोपी ने मौज-मस्ती शुरू कर दी। सबसे पहले लग्जरी कारें खरीदी और देश में कई जगहों पर घूमने भी गया। हालांकि ने आरोपी पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि उसको उम्मीद नहीं थी कि वह इतनी जल्दी पकड़ा जाएगा। 125 करोड़ की ठगी मामले में आरोपियों के खिलाफ मानेसर थाने में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए। मामला दर्ज होने के बाद गुरुग्राम पुलिस ने विशेष जांच दल का गठन कर जांच शुरू की गई। जांच करते हुए मानेसर अपराध शाखा के प्रभारी संदीप कुमार ने अपनी टीम के साथ मिलकर तीन दिन में ठगी का मास्टरमाइंड सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।