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सर्विस ट्रिब्युनल ने द्वेषपूर्ण, तथ्योें व विधि विरूद्व मानते हुये निरस्त किया एसएसपी का आदेश

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-शिकायतकर्ता के पते पर उसके नाम का व्यक्ति न होने पर, कार्यवाही को माना अवैध
काशीपुर। उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारी अधिकारियों के सेवा सम्बन्धी मामलों का निर्णय करने वाले विशेष न्यायालय ;ट्रिब्युनलद्ध की नैैनीताल पीठ ने एसएसपी उधमसिंह नगर तथा आईजी कुमाऊं नैैनीताल के पुलिस सब इंस्पेक्टर मुकेश मिश्रा के विरू( विभागीय कार्यवाही में किये गये आदेशों को निरस्त कर दिया। ट्रिब्युनल के वाइस चैैयरमैन ;ज्यूडिशियलद्ध राजेन्द्र सिंह की बंेच ने सब इंस्पेक्टर मुकेश मिश्रा की याचिका पर एसएसपी के आदेश को द्वेषपूर्ण, तथ्यों व विधि विरू( मानते हुये तथा आईजी के आदेश को महान वैैधानिक त्रुटि मानते हुये निरस्त किया हैै।
उधम सिंह नगर में तैनात पुलिस सब इंस्पेक्टर मुकेश मिश्रा की ओर से अधिवक्ता नदीमउद्ीन ने उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण की नैनीताल पीठ में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि जब 2019 में वह चौैकी प्रभारी बांसफोड़ान, थाना काशीपुर में नियुक्त थे तो तथाकथित शिकायतकर्ता रमेश रावत द्वारा दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र उसके विरू( नशे एवं सट्टे कारोबारियों के साथ संबंध के झूठे व निराधार आरोप लगाते हुये प्रेषित किया गया था। उक्त शिकायत पर कार्यवाही से पूर्व उत्तराखंड शासन के शासनादेश 690 जिसमें शिकायतकर्ता की पुष्टि तथा शपथ पत्र प्राप्त करने के बाद ही कार्यवाही का प्रावधान है, का पालन किये बगैर अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर से प्रारंभिक जांच करायी गयी। इस जांच में अवैध रूप से निकाली गयी कॉल रिकॉर्ड के आधार पर शिकायत के आरोपों की पुष्टि न होने का निष्कर्ष देेने के साथ अवैध रूप से अवैध कारोबार मे संलिप्त व्यक्तियों के साथ चौकी में उठने बैठने से पुलिस विभाग की छवि धूमिल होने का निष्कर्ष दे दिया। याचिकाकर्ता की ओर से नदीमउद्दीन ने विभागीय जांच, दण्ड आदेश व अपील आदेश को अवैध निराधार तथा प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन के आधार पर निरस्त होेने योग्य बताया।

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