
काशीपुर। मानपुर रोड स्थित जैन सभा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास पं. रविशंकर श्रृंगी)षि महाराज ने अपनी संगीतमय वाणी से धुंधुकारी और गौकर्ण कथा श्रवण कराते हुए कहा कि आत्मदेव के दो पुत्र गोकर्ण व धुंधुकारी थे। धुंधुकारी कुसंगति के कारण अधम्य बना और अपने कर्मों के कारण महाप्रेत बना। वहीं गोकर्ण ने सदैव संतों की सेवा और सत्कर्मों के द्वारा यश की प्राप्ति की। गोकर्ण ने अपने भाई धुंधुकारी के निमित्त श्रीमदभागवत कथा सुनाई तो बांस के अंदर बैठे धुंधुकारी ने जब उसका श्रवण किया तो वह प्राश्चित होकर पूर्ण पवित्रता के साथ साथ वैकुण्ठ धाम की ओर अग्रसर हुआ। महाराज जी ने कहा कि कुसंगति का ज्वर अधिक भयानक होता है। इसलिए मनुष्य को सदैव अपने सत्कर्मों की ओर उन्मुख रहना चाहिए। वहीं महाराज जी की संगीतमय वाणी द्वारा सुन्दर सुन्दर भजनों की प्रस्तुति ने श्रोताओं का मन मोह लिया। इस दौरान नगर निगम महापौर ऊषा चौधरी, संयोजक कौशलेश गुप्ता, सुरेश गोयल, मदन जोशी, वीरेंद्र कुमार एडवोकेट, बलजीत सिंह, राजेश वर्मा, सीताराम यादव, विनोद पवार, विनेश कुमार, त्रिभुवन पांडे, कपिल सक्सेना, कमल शर्मा, प्रभात सक्सेना, करन भारद्वाज, सतवीर सिंह यादव, संजय पाल, अनुराग गुप्ता, शिवशंकर शर्मा, सुनीता राणा, मंजू गुप्ता, मधु जोशी, रेनू शर्मा, छाया शर्मा, ममता गोस्वामी समेत सैकड़ों की संख्या श्रोतागण मौजूद थे।