अनिल शर्मा
ठाकुरद्वारा ( मुरादाबाद )
भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने 15 सूत्री मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा ।
भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव धनेंद्र शर्मा तहसील अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने सड़कों पर प्रदर्शन कर तहसील मुख्यालय पहुंच कर दिए गए ज्ञापन में कहा है कि मौजूद समय में देश के किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं लगातार खेती से आए घट रही है इस कारण किसानों के बच्चे गांव छोड़कर शहर की ओर पलायन कर रहे हैं । लेकिन सरकार सरकारी नीतियों को लागू न करने के कारण किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं । एमएसपी गारंटी कानून बनाने के मामले में केंद्र सरकार की ओर से ऐसी कमेटी बनायी गयी जिस पर किसान मोर्चा को विश्वास ही नहीं है । फसलों के उचित लाभकारी मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए 7 राज्य सूखे की चपेट में है और आधा दर्जन राज्य में बाढ़ की चपेट में ऐसे में फसलें चौपट हो गई हैं किसानों को धनजन के अलावा पशुओं की भी हानि हुई है नुकसान का आंकलन कर उचित मुआवजा दिलाया जाए । अग्नीपथ योजना से मात्र 4 साल बाद चयनित में से 75 फ़ीसदी जवान ही छटनी से देश के युवा बेरोजगार होंगे । वेरोजगार युवकों को बता दिया जाए । किसानों की भूमि को अधिकृत करते समय सर्किल रेट से 4 गुना अधिक मुआवजा दिलाया जाए । खाद बीज व कीटनाशक के क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में किसानों के नाम पर उद्योगों को दी जा रही सब्सिडी सीधे किसानों को दी जाए सोलर एनर्जी का बढ़ावा देने के लिए ताप सब्सिडी दी जाए और किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि किसान बिजली पर निर्भर न रह सके एनजीटी के नियमों में किसानों के लिए ढील देने का काम किया जाए । देश के 7 राज्यों में किसानों को बिजली मुफ्त दी जा रही है शेष राज्यों के किसानों को भी मुफ्त बिजली दी जाए खाद बीज कीटनाशक के क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में किसानों के नाम पर उद्योगों को दी जा रही सब्सिडी सीधे किसानों को दी जाए सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए टॉप सब्सिडी किसानों को दी जाए और इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाए एनजीटी के नियमों में किसानों के लिए ढील देने का काम किया जाए यूसी में काम आने वाले यंत्रों व साधनों को लेकर विशेष योजना के अंतर्गत समय सीमा में छूट देने का प्रावधान किया जाए । प्राइवेट और कामर्शियल वाहनों को चाहे वह किसान के ही क्यों ना हो अलग-अलग वर्गों में विभाजित कर किलोमीटर के हिसाब से उनकी मियाद की गारंटी को निर्धारित किया जाए ।पहाडी राज्यो मे कृषि निति के तहत संसाधन पर बाजार व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए, जल जंगल जमीन को बचाने के लिए उन्हें मालिकाना हक दिलाया जाए, आवारा पशुओं की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, विशेष नीति के तहत छुट्टा पशुओं को गौशाला में पहुंचाने के लिए पंचायत स्तर पर जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए । ज्ञापन देने वालों में हरी राज सिंह ,राजपाल सिंह ,सुधीर कुमार ,अनूप सिंह, बृजपाल सिंह ,मलखान सिंह जयपाल सिंह मंसाराम यादव, चौधरी विजेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे ।