-उर्वशी ने बताया वह खाने और पीने का सामान पैक कर मेट्रो के बंकर में चली जाएगी-हालांकि, बंकर में सभी सुरक्षित हैं, लेकिन वहां पर खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है
सोनीपत। रूस और यूक्रेन युद्ध में हमले शुरू हो गए हैं, लेकिन इसी हमले में भारत के जो छात्र वहां एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गए थे, उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं। अब परिवार भी सरकार से गुहार लगा रहा है कि उनके बच्चों को जल्द से जल्द उनके घर पर पहुंचाने की व्यवस्था सरकार करें। इस विवाद में हरियाणा के सोनीपत की भी छात्राएं यूक्रेन में फंसी हुई। सोनीपत में अपने परिजनों से व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर परिजनों को आपबीती बताई। जहां सरकार ने उन्हें आदेश दे दिए हैं कि वह मेट्रो में बनाए गए अंडरग्राउंड बंकरों में चले जाएं। जहां पर वह पानी और अपना खाने का सामान लेकर जा चुके हैं, लेकिन परिवार बार-बार सरकार से गुहार लगा रहा कि उनके बच्चों को घर लाया जाए। सोनीपत के आदर्श नगर की उर्वशी और रिया नाम की लड़की जो कि यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गई हैं। रूस और यूक्रेन के विवाद के बाद उनके परिवार की चिंताएं बढ़ गई हैं उर्वशी के पिता अरुण को जब रिया से व्हाट्सएप कॉल कर वीडियो कॉल की तो वहां पर रिया और उर्वशी ने बताया कि रूसी सेना यूक्रेन के खारकीव में घुस गई है। ताजा हालात पर बताते हुए छात्राओं ने बताया कि सभी को सरकार ने मेट्रो के के बंकर में जाने के लिए दिए आदेश दिए हैं। उर्वशी ने बताया कि वह अपना खाने और पीने का सामान पैक कर रही है और उसके बाद मेट्रो के बंकर में चली जाएगी। उसने ताजा हालात के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वहां पर पैसे लेने की कोई व्यवस्था नहीं है। सभी एटीएम में पैसे समाप्त हो चुके हैं, जिसकी वजह से भारतीय स्टूडेंट को बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, बंकर में सभी सुरक्षित हैं, लेकिन वहां पर खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। छात्र ही वहां व्यवस्था कर रहे हैं। हालांकि, परिवार की चिंता जरूर बढ़ गई हैं और परिवार ने उन्हें हौसला देते हुए कहा कि वह संयम रखें, सरकार जल्द ही कोई ना कोई रास्ता निकाल लेगी। उर्वशी के पिता अरुण कौशिक ने बताया कि सरकार ने सही समय पर कड़े कदम नहीं उठाए और इसी कारण बच्चे वहां पर फंसे हुए हैं। देश के प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि वह रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात करें और भारतीय स्टूडेंट को निकालने की व्यवस्था करें। हालांकि उन्होंने एयर इंडिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो टिकट 20 हजार की थी, उसे एक लाख रुपए का कर दिया गया है। पहले ही कोरोना की वजह से परिवार कर्जे में डूबे हुए हैं और ऐसे हालात में व्यवस्था कैसे करें। परिवार ने अब सरकार से उम्मीद लगाई है कि सरकार जल्द से जल्द बच्चों को घर लाने की व्यवस्था करें। क्योंकि बच्चे वहां पर अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और परिवार की भी चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। कौशिक ने बताया कि जिस जगह उनकी बेटी फंसी हुई है। वहां पर तीन हजार के करीब बच्चे फंसे हुए हैं और सभी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, सरकार जल्द से जल्द बच्चों को वहां से निकालने की व्यवस्था करें।