नूंह मेवात। नूंह मेवात के नीमका गांव में ट्यूबवेल के बोरवेल की छटाई करने उतरे एक युवक की दम घुटने से मौत हो गई। उसके बाद उसे बचाने के लिए नीचे उतरे 3 युवक भी काल के गाल में समा गये। एक ही गांव के दो चचेरे भाइयों सहित 4 लोगों की मौत हो गयी। इस घटना के बाद नीमका गांव ही नहीं बल्कि पूरे मेवात में मातम फैल गया है। पुलिस ने चारों शवों का पोस्टमार्टम कराया है। बताया गया कि हनीफ उर्फ हन्नी का ट्यूबवेल का बोरवेल गांव के जंगल में कई सालों से है। बरसात के बाद बोरवेल में मिट्टी व पानी चला गया। सरसों इत्यादि फसल की बुआई के लिए उसे दोबारा छंटाई कर चालू करने के लिए हन्नी (20) अपने ही गांव के मिस्त्री जमशीद को साथ लेकर बोरवेल पर पहुंचा। जमशीद जैसे ही बोरवेल के गड्ढे में नीचे उतरा तो उसका दम घुटने लगा। उसने साहिब से मदद मांगी। साहिब उसे बचाने के लिए नीचे उतरा तो फिर वापस नहीं आया।
जानकारी के अनुसार बोरवेल के पड़ोस में खेतों में काम कर रही एक महिला ने शोर मचाया तो बोरवेल के नजदीक मकान बनाकर रहने वाले जाकर (21), याहया (22) दोनों चचेरे भाई, ने बिना कुछ सोचे-समझे ही बोरवेल में पड़े जमशीद व साहिब को निकालने के लिये छलांग लगा दी। बोरवेल में बन रहे गैस के कारण दम घुटने से चारों युवक जान गवां बैठे। यह खबर नीमका गांव में पहुंची तो घटनास्थल पर सैकड़ों की भीड़ जुट गई। अपने बेटे साहिब व भाई के लड़के सहित कई लोगों को मरता देख बोरवेल मालिक हन्नी ने भी छलांग लगा दी, लेकिन उसे वहां मौजूद भीड़ ने बीच में ही हाथ पकड़ कर खींच लिया। युवा बोरवेल में गिरे लोगों को ऊपर लाने के लिए पूरी तरह उतावले थे, तो कुछ उम्र दराज लोगों ने बोरवेल में नहीं उतरने की सलाह दी। जिसके बाद भीड़ ने बोरवेल में गिरे 4 लोगों को रस्सी बिलाई इत्यादि की मदद से निकालना शुरू किया, घंटों की मशक्कत के बाद चारों के शव बाहर निकाले जा सके। मामले की सूचना पुलिस को दी गई तो पुलिस भी आनन-फानन में पहुंच गई। बाहर निकालने के बाद भी चारों लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मेवात जिले में जिसने भी घटना के बारे में सुना वही अस्पताल या घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़ा।