बालोद । पति पत्नी के अटटू बंधन के रिश्तों की समाज में मिसाल दी जाती है। ऐसे ही एक पुलिसकर्मी पति ने शादी के दो महीने के बाद पत्नी की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसने अपनी जान दे दी। खास बात है कि पुलिसकर्मी ने उसी जगह फांसी लगाई, जहां पत्नी का अंतिम संस्कार किया गया था। मामला छत्तीसगढ़ के बालोद का है। यहां पर एक आरक्षक ने पत्नी वियोग में आत्महत्या कर ली है। दरअसल, बालोद पुलिस को टेकापार निवासी मनीष नेताम की फांसी से लटकती लाश मिलने की सूचना मिली। मृतक आरक्षक मनीष नेताम धमतरी जिले के बोरई थाने में पदस्थ था। दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी। 17 दिन पहले घर में लगे टाइल्स से फिसलकर उसकी पत्नी हेमलता की मौत हो गई थी।
2 महीने पहले शादी के बंधन में बंधे यह दोनों पति-पत्नी एक-दूसरे को बेइंतहा प्यार करते थे। पत्नी की मौत के बाद से ही आरक्षक मनीष गमगीन रहता था। ग्रामीणों की माने तो पत्नी की असमय मृत्यु से आहत आरक्षक पति हर रोज अंतिम संस्कार स्थल पर जाकर अपनी पत्नी को याद करके रोया करता था।हर रोज की तरह बुधवार को भी मनीष अंतिम संस्कार स्थल पर पहुंचा और रोने लगा। थोड़ी देर में श्मशान में स्थित बबूल के पेड़ पर फांसी लगाकर उसने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उसने व्हाट्स ऐप पर सुसाइड नोट अपने भाई को भेजा। आत्महत्या की खबर मिलते ही हड़कंप मच गया। सुसाइड नोट में आरक्षक मनीष नेताम ने लिखा, श्केवल दो महीने ही हुए थे हमारी शादी को, मैं लता को भूल ही नहीं पा रहा हूं। इतनी मेहनत से सभी घर के लोग मिलकर नए घर को बनाए थे और जल्दी से शादी भी किए, लगभग सब चीजें ठीक चल रही थी, फिर पता नहीं भगवान को क्या मंजूर था, इसलिए अब इस घर में रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता।श्
मनीष ने आगे लिखा, छोटू, पापा और दीदी लोग को मुझे माफ करने को बोल देना, जो अपनी प्यारी लता की जिम्मेदारी मुझे दिए, जो मैं नहीं निभा पाया, ये फोन लता ने मुझे गिफ्ट की थी मेरी इच्छा है की ये फोन छोटू चलाएं, मुझे पता है वो मना करेगा, पर उसे कहना मैंने कहा है, मेरी ये बात जरूर माने। मनीष नेताम का अंतिम संस्कार उसी जगह पर किया गया, जहां 17 दिन पहले उसकी पत्नी पंचतत्व में विलीन हुई थी। पूरे गांव ने नम आंखों से मनीष को आखिरी विदाई दी। मनीष और हेमलता का प्यार लोगों के मिसाल बन गया है। खैर सुसाइड नोट मिलने के बाद भी पुलिस इस मामले में जांच पड़ताल कर रही है।