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नोटिस के बाद भी पेश नहीं हुए पुलिस उपाधीक्षकः कोर्ट ने डीजीपी को दिया गिरफ्तार करने का आदेश

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मिर्जापुर। जिले की अदालत ने लंबित मामले में पिछले चार सालों से अदालत में हाजिर नहीं हो रहे एक पुलिस अघिकारी को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश करने का राज्य के पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया है।
अपर सत्र न्यायाधीश वायुनन्दन मिश्र की अदालत ने मंगलवार को यह आदेश पारित करते हुये पुलिस महानिदेशक को कन्नौज में तैनात पुलिसउपाधीक्षक (सीओ) दीपक दुबे को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने को कहा है। इस मामले में पिछले चार सालों से अदालत में हाजिर नहीं हो रहे दुबे की कार्यप्रणाली से नाराज अदालत ने सौ रुपए का जुर्माना लगाते हुये उनके वेतन से यह राशि काट कर अदालत में जमा कराने को कहा है। इसके साथ ही एसपी लखनऊ और एसपी कन्नौज के खिलाफ भी यथोचित कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। डीजीसी क्रिमिनल ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश वायुनन्दन मिश्र की अदालत ने जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र में साल 2010 मे हत्या कर शव छिपाने का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इसकी विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष दीपक दुबे ने की थी। वर्तमान समय में दीपक दुबे कन्नौज जिले में तिर्वा क्षेत्र में सीओ पद पर तैनात है। दीपक दुबे को मुकदमें में साक्ष्य पेश करने के लिये कोर्ट में हाजिर होना है। अदालत में यह मामला जून 2017 से लंबित चल रहा है। इसमें पेशी के लिये अब तक अदालत द्वारा 42 वारंट या नोटिस जारी किये जा चुके हैं। इसके बावजूद दुबे अब तक उपस्थित नहीं हुए हैं।
इस मामले में एसपी लखनऊ ने सात बार कानून व्यवस्था का हवाला देकर समय लिया है। मामला उच्च न्यायालय में पहुंचने पर इसके निपटारे में तेजी आयी है। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को दीपक दुबे के खिलाफ गैर जमानती वारंट भेज कर गिरफ्तार कर बतौर साक्षी 12 नवंबर को अदालत में पेश करने को कहा है। अदालत ने ताकीद की है कि यदि दुबे अगली तारीख पर उपस्थित नहीं हुए तो इसे अदालत की अवमानना मानते हुये मामले को माननीय उच्च न्यायालय में प्रेषित कर दिया जायेगा।

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