अयोध्या। भाला फेंकने में ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता, इसके साथ ही यूपी के लिए भी भाला फेंक में तीन बार गोल्ड जीता, यही नहीं नेशनल लेवल पर भी गोल्ड मेडल जीत चुकी एक खिलाड़ी अयोध्या की बेटी आज दाने दाने को मोहताज है। इस महिला खिलाड़ी का नाम चंद्रा गौतम।
दरअसल रामनगरी के मसौधा ब्लाक के अमोना गांव की रहने वाली चंद्रा गौतम नेशनल लेवल की खिलाड़ी रही हैं। भाला फेंकने की प्रतियोगिता में कई बार प्रदेश और देश का नाम रोशन कर चुकी चंद्रा के नाम स्टेट लेवल पर तीन स्वर्ण पदक हैं। इसके साथ ही वह नेशनल लेवल पर कर्नाटक जाकर खेल चुकी हैं। लेकिन अब चंद्रा की हालत बेहद गंभीर है। उन्हें बैसाखियां तो अस्पताल से मिल गई हैं, लेकिन आगे का इलाज बहुत महंगा है। तीन साल पहले पैर कटने के बाद से उनका परिवार बमुकिश्ल गुजारा कर पा रहा है।
चंद्रा ने बताया कि ग्राउंड पर प्रैक्टिस के दौरान उनके पैर में एक जख्म हो गया था, जो ठीक इलाज न होने से सेप्टिक हो गया था। ‘डॉक्टरों ने ऑपरेशन कराने की सलाह दी थी, लेकिन आर्थिक स्थिति के मद्देनजर मैं अपने गांव अमोना लौट आई थी। यहां काफी इलाज करवाया। इसके बावजूद जब जख्म नासूर बन गया तो पैर काटना ही विकल्प रह गया।’ अब स्थिति यह है कि इस कटे पैर में सड़न पैदा हो रही है, जिसके इलाज के लिए भी चंद्रा मोहताज हैं।
चंद्रा के बुजुर्ग माता पिता आंखों से लाचार हैं। देख नहीं सकते और मां की तबीयत अक्सर खराब रहती है। अपने लाचार मां बाप की इकलौती संतान चंद्रा ने अपनी प्रतिभा के बूते उनका जीवन बेहतर करने के सपने देखे थे, लेकिन अब लाचारी ऐसी है कि परिवार के खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं। मदद की उम्मीद टूट रही है और चंद्रा दर-दर भटक रही हैं। अब तक मदद के नाम पर उन्हें एक कृत्रिम पैर मिल सका है, लेकिन आर्थिक मदद कुछ नहीं।
इतनी दुर्दशा के बाद भी चंद्रा का हौसला और मन यह है कि वह भविष्य में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतें। भले ही अब स्पर्धा पैरा या दिव्यांगों के खेल में हो। चंद्रा शासन और प्रशासन के साथ ही हर दरवाजे को खटखटा रही हैं कि कुछ मदद मिल सके। अगर आप उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाना चाहते हैं, तो उनसे मोबाइल नंबर ़91 73550 54261 पर सीधे संपर्क भी कर सकते हैं।