-मां जब भी युवक को खोलती है तो वह घर के सामान की तोड़ फोड़ शुरू कर देता है
चंडीगढ़। पंजाब चुनाव में नशे का मुद्दा अहम रहता है और इस बार भी आप पार्टी ने सत्ता में आने से पहले वादा किया कि राज्य से नशे को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। हालांकि इसके विपरीत पंजाब में नशा थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात यह है कि जो नशा छोड़ना भी चाहते हैं उनका सही तरीके से इलाज न होने पर उन्हें घर पर जंजीरों से बांधना पड़ता है। ऐसे कई मामले सूबे में सामने आ चुके हैं। एक ऐसा ही मामला पंजाब के सुनाव में सामने आया है जहां एक गरीब परिवार के युवक ने करीब बीस दिन पहले नशा तो छोड़ दिया लेकिन अब उसके परिजन उसका इलाज करवाने में असमर्थ हैं और युवक अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है। युवक को अब घर पर चारपाई पर बांध कर रखना पड़ता है।
युवक की विधवा मां जब भी युवक को जंजीरों और रस्सियों से खोलती है तो वह घर के सामान की तोड़ फोड़ करना शुरू कर देता है। युवक मां ने एक बयान में बिंदर कौर अपनी कहानी सुनाते हुए कहा कि उसके पति की 8 साल पहले मौत हो चुकी है। उसका बेटा अमनदीप सिंह नाभा में पेंटिंग्स बनाने का काम करता था। चूंकि वह रोजी रोटी कमाने के चक्कर में परिवार से अलग रहने लगा था, इसलिए उसे नशीली गोलियां खाने की आदत लग गई। युवक की मां कहना है कि नशे की आदत से बाहर निकलने के लिए युवक ने करीब 20 दिन पहले नशा छोड़ दिया, लेकिन इस दौरान उसकी दिमागी हालत खराब हो गई। नशा छोड़ने का इलाज महंगा होने के कारण इस युवक का इलाज नहीं हो पा रहा है, जिससे उसका दिमागी संतुलन तो बिगड़ ही गया है साथ में उसके हाथ और पांव में भी विकार आ गया है। युवक की मां को आस है कि इस युवक का कोई समाज सेवी संस्था आगे आकर उसका इलाज करवाएगी।