अनिल शर्मा
ठाकुरद्वारा ( मुरादाबाद ) ठाकुरद्वारा नगर का सबसे चर्चित हत्याकांड दादी व मासूम पोते के हत्याकांड हरे कांच की चूड़ियां शीर्षक जसपुर में पेट्रोल पंप की लूट, अतिरिक्त चोरी व ग्रहकटी का मुख्य आरोपी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर बदमाश ठाकुरद्वारा नगर निवासी शरीफ और चूहा 19 साल से लापता था। ठाकुरद्वारा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर मैनाठेर थाने कि पुलिस के सहयोग से मैनाठेर क्षेत्र में खोज निकाला ।
बताते चलें कि 28 अगस्त 1989 को शरीफ उर्स चूहे ने दो महिला सहित अपने एक अन्य साथी की मदद से नगर वे देहात क्षेत्र के विख्यात प्रसिद्ध स्वर्गीय रतन सैन वैद्य के यहां मकान के जीने के दीवार व किवाड़ तोड़कर 2 महिलाओं व 2 युवको ने लूट की वारदात को अंजाम देने के प्रयास करने के दौरान स्वर्गीय रतन सैन वैध की पत्नी सावित्री शर्मा पुत्र वधू कुमकुम शर्मा ने बदमाशों का विरोध किया था , इस दौरान शरीफ उर्फ चूहा ने अपनी महिला वह साथी बदमाश के साथ चारपाई पर सो रहे ढाई वर्षीय मासूम के पेट में निर्मम तरीके से चाकू से हत्या कर दी थी I इस दौरान दोनों महिलाओं ने बदमाशों से भीड़ गयी थी । इस पर बदमाशों ने बुरी तरह से चाकूओ से गोद गोद कर सावित्री शर्मा की निर्मम हत्या कर दी थी । पुत्र वधू कुमकुम शर्मा को बुरी तरह लहूलुहान कर मरा जानकर घटना को अंजाम देकर फरार हो गए थे I इस घटना को लेकर नगर से लेकर देहात क्षेत्र के लोगों ने 3 दिन तक ठाकुरद्वारा को शौक के चलते बंद रखा था उस दौरान गली मोहल्लो की दुकानें तक नहीं खोली गई थी । दिनदहाड़े हुई वारदात से क्षेत्र के लोगों में दहशत व्याप्त हो गई थी I इस हत्याकांड के सुलझाने में पुलिस के भी पसीने छूट गए थे । किसी तरह पुलिस ने हरे कांच की चूड़ियों की निशानदेही पर घर के बराबर में रहने वाली रजनी उर्फ लल्ली, उसकी भांजी कविता, शरीफ और चूहा, दिलशाद का नाम प्रकाश में आने पर पुलिस ने एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था । लेकिन घटना को अंजाम देने के बाद रजनी और लल्ली घटना के 32 वर्ष बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लग सकी । जिसमें दिलशाद व
कविता की जमानत होने के बाद मौत हो चुकी है । शरीफ और चूहे को डबल मर्डर की जमानत मिलने के बाद जसपुर में एक पेट्रोल पंप पर दिनदहाड़े अपने साथियों के साथ हमला कर सेल्समैन से रकम लूट, ठाकुरद्वारा नगर में चोरी व जेब काटने की घटनाओं के भी मुकदमे ठाकुरद्वारा में दर्ज होने के बाद में उत्तराखंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था I हल्द्वानी जेल में मैं भी रहा । केस की सजा समाप्त होने के बाद शरीफ उर्फ चूहा करीब 19 वर्ष से ठाकुरद्वारा क्षेत्र छोड़कर लापता हो गया था । पुराने रिकार्डों के अनुसार पुराने अपराधियों की तलाश में पुलिस के जुटने के बाद मुखबिर की सूचना पर शरीफ उर्फ चूहा पुत्र साबिर हुसैन मोहल्ला असारियान को थाना छजलेट पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया । कोतवाली प्रभारी मोहित चौधरी ने बताया कि 10 वर्ष से कोई भी अपराध मुकदमा क्षेत्र के थानों में दर्ज ना होने पर हाई कोर्ट की रूलिंग के अनुसार । हिस्ट्रीशीटर शरीफ अंसारी उर्फ चूहा को प्रत्येक माह की 15 तारीख को थाने में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आदेशित किया। बताते चलें कि दोहरे हत्याकांड
के बाद में शरीफ उर्फ चूहा आतंक का पर्याय बन गया था। वह चौथ वसूली में जुट गया था। उत्तराखंड का चर्चित पुलिस एनकाउंटर में मारा गया कुख्यात बदमाश शकील से भी उसके संबंध थे। बाद में अचानक शरीफ उर्फ चूहा लापता हो गया था। क्योंकि शरीफ उर्फ चूहा के खिलाफ पिछले 10 साल से कोई भी नया अपराध दर्ज नहीं है इसलिए उसको मात्र हाजिरी के आदेश दिए हैं।
जबकि रजनी लल्ली घटना के 32 वर्ष बीत जाने के बाद पुलिस की पकड़ से बाहर है ।