नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने हार्डवेयर कारोबारी को रेडियोधर्मी पदार्थ के कारोबार में 500 करोड़ मुनाफे का झांसा देकर 10.63 करोड़ रुपये ठगने वाले जयपुर के कालीदास मार्ग निवासी भवानी सिंह शेखावत को गिरफ्तार किया है। इस ठगी में भवानी के गिरोह के 22 आरोपी शामिल हैं। उनकी तलाश चल रही है। शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आरके सिंह का कहना है कि ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके में हार्डवेयर और पेंट का कारोबार करने वाले संजय तनेजा ने वर्ष 2019 में शाखा में ठगी की शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि भवानी से उनकी मुलाकात वर्ष 2016 में हुई थी। उसने बताया कि उसके पास रेडियोधर्मी पदार्थ है। इसका इस्तेमाल मिसाइल बनाने में किया जाता है। इस पदार्थ को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कथित रूप से स्वीकृत किया है। उसने कहा कि इसके कारोबार में निवेश करने से 500 करोड़ तक का मुनाफा हो सकता है। इसके बाद ठगों ने उनसे राशि को बैंक हस्तांतरण, चेक और नकद में वसूल किया।
जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों के बैंक खाते जांचे। इससे पता चला कि उन्होंने मेसर्स बार्कलेज मेटल वर्ल्ड (बीएमडब्ल्यू) कंपनी से पैसे लिए। इससे दर्शाया गया कि यूके स्थित विदेशी कंपनी रेडियोधर्मी पदार्थ की खरीदार है। आरोपी सामग्री के परीक्षण की आड़ में बिक्री में देरी करते रहे और शिकायतकर्ता से मेसर्स देवयानी ग्रुप्स, मेसर्स जयपुर जैसी विभिन्न कंपनियों में रेडियोधर्मी पदार्थ के रखरखाव के बहाने पैसे लेते रहे। सत्यापन में पता चला कि विदेशी कंपनी के साथ आरोपियों का स्क्रैप का कारोबार है। जांच में पता चला कि आरोपी भवानी पर जयपुर में इसी तरह ठगी करने के छह मामले दर्ज हैं। इसके बाद सब इंस्पेक्टर अश्विनी के नेतृत्व में पुलिस ने शनिवार को उसे जयपुर से गिरफ्तार किया गया। वारदात में उसकी पत्नी समेत कई आरोपी शामिल हैं।