जिस महिला की हत्या की काट रहे थे सजा वह निकली जिंदा, देख पुलिस गई चौक

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दौसा। दौसा में एक महिला ने पुलिस को चैंका दिया है। इसका कारण  है उसकी हत्या का केस। पुलिस फाइलों में इस महिला की हत्या का केस दर्ज हुआ है। इतना ही नहीं महिला की हत्या के आरोप में 2लोग करीब ढाई-तीन साल तक जेल की सजा भी काट चुके हैं। अब महिला के सामने आने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगे हैं। पुलिस पूरे मामले की नए सिरे से जांच करने में जुटी है।
 उत्तर प्रदेश के कौशी निवासी आरती बरसों पहले दौसा के मेंहदीपुर बालाजी में आकर रहने लगी थी। यहां वह छोटा-मोटा काम करती थी। यहां उसकी मुलाकात सोनू सैनी नाम के व्यक्ति से हुई। दोनों का संपर्क बढ़ा तो उन्होंने कोर्ट में शादी कर ली। फिर साथ-साथ रहने लगे। शादी के कुछ दिन बाद आरती लापता हो गई। आरती के लापता होने के कुछ दिन बाद वृंदावन में एक नहर में एक अज्ञात महिला की डेडबॉडी मिली थी। शिनाख्त के अभाव में पुलिस ने कुछ समय बाद उसे डिस्पोज करवा दिया। बाद में आरती के पिता ने उस थाने में जाकर फोटोग्राफ्स और कपड़ों के आधार पर मृतका के लिए दावा किया कि वह उसकी बेटी आरती थी। उसके बाद आरती के पिता ने 2015 में वृंदावन में दौसा के सोनू सैनी और गोपाल सैनी के खिलाफ उसकी हत्या का मामला दर्ज करवा दिया।
इस पर यूपी की वृंदावन पुलिस दौसा आई और दोनों आरोपियों को आरती की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया। वो चीखत चिल्लाते रहे लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। बाद में सोनू सैनी और गोपाल सैनी करीब ढाई से तीन साल तक जेल में रहे और फिर जमानत पर बाहर आए। जमानत पर बाहर आने के बाद पीड़ितों ने की पड़ताल तो महिला आरती दौसा के विशाला गांव में जिंदा मिली। इस पर पीड़ितों ने मेहंदीपुर बालाजी थानाप्रभारी अजीत बड़सरा को अपनी आपबीती सुनाई। पीड़ितों की दास्तां सुनकर मेहंदीपुर बालाजी थाना पुलिस ने आरती को बैजूपाड़ा इलाके से बरामद कर लिया। उसके बाद मेहंदीपुर बालाजी थाना पुलिस ने यूपी की वृंदावन थाना पुलिस को दौसा बुलाया। दौसा पुलिस ने आरती को वृंदावन पुलिस के हवाले कर दिया। जांच में सामने आया है कि आरती ने पहले सोनू सैनी से की थी।

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