नई दिल्ली।अदालत ने अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी की हत्या किए जाने पर दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि “अधिकारियों की ढिलाई” के कारण वह एक असहाय पीड़ित की रक्षा करने के अपने कर्तव्य में विफल रही है।
आरोपी नंदा नायक ने जेल में सरेंडर करने से पहले अपनी पत्नी झरना की कथित तौर पर हत्या कर दी जो उसके खिलाफ दर्ज मामले में एक प्रत्यक्षदर्शी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल ने कहा कि पुलिस ने 16 जुलाई के आदेश का सख्ती से पालन नहीं किया जिसमें उसे आरोपी की पत्नी की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था।
न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इस मामले पर निजी तौर पर गौर करने, दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने और उनके द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदम पर रिपोर्ट सौंपने का आग्रह किया है।
न्यायाधीश ने पांच अगस्त के आदेश में कहा कि अधिकारियों की ढिलाई के चलते एक अनमोल मानवीय जीवन चला गया। व्यवस्था असहाय पीड़ित की अपराध से रक्षा करने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रही है। अतिरिक्त सत्र
नायक को 2017 में गिरफ्तार किया गया था जब उसने झरना, उसके भाई और जीजा पर चाकू से हमला किया था। उसे जून 2021 में 90 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था। हालांकि, जब अदालत को यह पता चला था कि वह मामले के गवाहों को धमकी दे रहा है और उन पर केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहा है तो अदालत ने 31 जुलाई को उसकी जमानत रद्द कर दी थी।
अदालत ने उसे दो दिन के अंदर जेल में सरेंडर करने के लिए कहा था। पुलिस के मुताबिक, नायक ने सरेंडर करने से पहले पत्नी की हत्या कर दी।