
नई दिल्ली । ग्रामीण क्षेत्र की अंजलि यादव ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम की है। पिता की प्रेरणा से अंजलि में सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने की भावना जागृत हुई। अंजलि का कहना है कि महिला सशक्तिकरण के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेटी को आगे बढ़ाने और उच्च शिक्षा देने की जरूरत है। बेटी पढ़ेंगी तो ही समाज का विकास होगा। अंजलि का दहेज लोभियों को भी बड़ा स्पष्ट संदेश है। उनका कहना है कि बेटे वाले दहेज मांगते हैं। पर इसके लिए बेटी वाले भी दोषी हैं। दहेज में देने वाली राशि को अगर अपनी बेटी की पढ़ाई पर खर्च किया जाए तो दहेज देने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। पटौदी खंड के खेतियावास गांव की रहने वाली अंजलि यादव का मिलिट्री नर्सिंग सर्विसेज में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ है। अंजलि ने ऑल इंडिया में आठवीं रैंक हासिल की है। लेफ्टिनेंट बनने से अंजलि यादव के परिवार और पूरे गांव में खुशी का माहौल है। अंजलि के चाचा मुकेश यादव का कहना है कि उनकी लाडो शुरू से ही सेना में जाने की इच्छुक रही। अंजलि यादव ने 10वीं और 12वीं कक्षा रेवाड़ी के सूरज स्कूल से प्राप्त की। शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहने के कारण अंजलि यादव ने 10वीं और 12वीं की कक्षा में 92 प्रतिशत अंक हासिल किए। अंजलि के पिता राजीव यादव सेना में सूबेदार के पद पर जम्मू कश्मीर में तैनात है। पिता राजीव यादव की सेवा में होने के कारण यही सोच है कि उनके बेटा बेटी भी सेवा में भर्ती होकर देश सेवा करें। पिता राजीव यादव के सेना में होने के कारण चाचा मुकेश यादव पर एक घर परिवार की जिम्मेदारी है।