उद्योगों को बिजली कटौती का सामना न करना पड़े इसलिए प्रभावी व्यवस्था बनाई जानी चाहिएः सीएम

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देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बिजली चोरी और लाइन लास रोकने के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करी जाए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। राज्य में उद्योगों को बिजली कटौती का सामना न करना पड़े, इसकी प्रभावी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए। उन्होंने ऊर्जा निगमों में टेक्निकल परफार्मेंस आडिट की व्यवस्था के निर्देश दिए।
सीएम धामी ने सोमवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र एनर्जी प्लान के साथ लाइन लास कम करने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्युत बिलों में गड़बड़ी की शिकायतों से बड़ी संख्या में उपभोक्ता परेशान रहते हैं। 15 से 30 सितंबर तक शिविर लगाकर बिजली बिलों के साथ ही उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।
सीएम ने कहा कि ऊर्जा निगमों के कार्यों में गुणवत्ता और सुधार के लिए सामूहिक जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है। कार्यों की धीमी प्रगति के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उनके प्रदर्शन को ‘की परफार्मेंस इंडिकेटर’ से जोड़ा जाएगा। विद्युत योजनाओं से संबंधित कार्यों की टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। इससे टेंडर में ज्यादा भागीदारी होगी। बिजली आपूर्ति सुचारू करने के लिए शहरों के विस्तारीकरण के साथ पावर स्टेशन की स्थापना को मास्टर प्लान तैयार किया जाना चाहिए। विद्युत स्टेशन की स्थापना व विद्युत लाइन बिछाने के लिए वन भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों को तेजी से निस्तारित करने के निर्देश उन्होंने दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने भूमिगत केबल व स्मार्ट मीटर योजना लागू करने में तेजी लाने पर जोर दिया। पुरानी विद्युत परियोजनाओं की मरम्मत पर हुए खर्च और क्षमता विकास के लिए ब्योरा तैयार करने पर उन्होंने जोर दिया। उन्होंने ऊर्जा परियोजनाओं के अनुश्रवण को मानक प्रचलन कार्यविधि (एसओपी) बनाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि लखवाड़ व व्यासी समेत केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित योजनाओं का ब्योरा तैयार किया जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर केंद्रीय ऊर्जा व सिंचाई मंत्रियों से वार्ता की जाए।

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