शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में 150 साल पुराने हनुमान मंदिर को जैक लगाकर शिफ्ट करने का काम जारी है। जानकारी के मुताबिक बीते तीन महीने से मंदिर को शिफ्ट करने का काम किया जा रहा है। सोलह फीट ऊंचे हनुमान मंदिर को सफलतापूर्वक पीछे कर दिया गया है। शाहजहांपुर के नेशनल हाइवे पर बने इस मंदिर को हटाने को लेकर काफी विवाद हो चुका है। पूर्व में इस मंदिर को हटाने के काफी प्रयास किए गए लेकिन कोई सफल नहीं हुआ। ऐसे में इसे मशीन की मदद से सड़क से शिफ्ट करने का फैसला लिया गया। तिलहर एसडीएम राशि कृष्णा ने मंदिर को शिफ्ट किये जाने को लेकर चल रहे काम की जानकारी देते हुए बताया कि हनुमान मंदिर को सफलतापूर्वक पीछे कर दिया गया है। तिलहर थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे 24 पर बीचों बीच बना यह मंदिर तकरीबन डेढ़ सौ साल पुराना बताया जाता है।
नेशनल हाईवे 24 के फोरलेन बनने के चलते कछियाना खेड़ा नाम की जगह मौजूद इस प्रसिद्ध मंदिर को हटाने के लिए जब आदेश दिए गए तो यहां स्थानीय लोगों ने इसका काफी विरोध किया। हिंदू संगठनों ने भारी विरोध भी किया। जिसके बाद मंदिर को हटाने के काम को अंततः रोक दिया गया। हालांकि बाद में एनएचएआई और प्रशासन ने मंदिर को मशीन के जरिए शिफ्ट किए जाने का फैसला किया।
मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों से तरह तरह के किस्से सुनने को मिलते हैं। जिसमें बताया जाता है कि मंदिर को तोड़ने के आदेश दिए गए थे जिसके चलते जब इसको लेकर कार्रवाई शुरू हुई तो कोई न कोई अनहोनी घटित हुई। ऐसे में मंदिर को तोड़ने की जगह शिफ्ट किये जाने का फैसला लिया गया। वहीं मंदिर खिसकाने को लेकर हनुमान मंदिर के महंत राम लखन गिरी का कहना है कि हनुमान मंदिर को पीछे ले जाने में हमारी तरफ से कोई सहमति नहीं है। हम प्रशासन की इस कार्रवाई ओ लेकर पूरी तरह असहमत हैं। उन्होंने कहा कि इस मंदिर हटाया नहीं जाए इसके लिए अदालत में दो मुकदमे भी विचाराधीन हैं। लेकिन अब एसडीएम खुद मंदिर कमेटी की अध्यक्ष हैं जोकि अपने नेतृत्व में इसे शिफ्ट करवाने का काम कर रही हैं।
हाईवे के बीचो बीच आने वाले इस हनुमान मंदिर गंगा-जमुनी तहजीब को लेकर भी काफी विख्यात है। हनुमान मंदिर के किनारे ही कस्बा तिलहर के रहने वाले हसमत अली उर्फ बाबू अली ने मंदिर के लिए अपनी एक बीघा जमीन दान में दे दी। जानकारी के मुताबिक परिवार से बातचीत करने के बाद बाबू अली ने बजरंगबली के नाम रजिस्ट्री करवाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तिलहर एसडीएम राशि कृष्णा को नामित किया। जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद बाबू अली ने हनुमान जी के चरणों में बैनामा रखकर जमीन उनके हवाले कर दी। हनुमान मंदिर को लेकर यह किस्सा यहां हर किसी की जुबान पर है।