रुद्रपुर । 13 फरवरी 2014 की शाम सात बजे ललित मोहन भट्ट ने मामूली बात पर चार साल के बेटे नीरज को हंसिया से काटकर हत्या कर दी थी। चंपा बेटे को बचाने के लिए पहुंची तो हत्यारोपित ने उस पर भी जानलेवा हमला कर दिया। हमले में उसकी अंगुलियां कट गई थी। शोर होने पर आसपास के लोग मौके पर एकत्र हुए तो आरोपित फरार हो गया। घटना के कुछ घंटों बाद पुलिस ने हत्यारोपित को हत्या में प्रयुक्त हंसिया के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोड़ा ने बताया कि नानकमत्ता निवासी पानदेव असवाल ने अपनी बेटी चंपा देवी का विवाह मझोला दुगाड़ीगोठ खटीमा निवासी ललित मोहन भट्ट से किया था। उनके तीन पुत्र हुए। आरोप था कि ललित मोहन भट्ट झगड़ालू और अपराधी किस्म का व्यक्ति था। पत्नी और बच्चों को रोज मारा पीटा करता था। इसकी जानकारी जब पान देव असवाल से हुई तो उन्होंने ललित मोहन समझाया था।
इस मामले मे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोड़ा ने बताया कि शुक्रवार को सुनवाई के दौरान प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर ने आरोपित को धारा 302 में आजीवन कारावास व दो हजार रुपये अर्थदंड, धारा 325 में पांच साल की सजा और एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।