काशीपुर। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी बृहस्पतिवार सात अक्तूबर से नवरात्र शुरू हो जाएंगे। इस बार देवी मां का आगमन पालकी (डोली) में होगा क्योंकि धार्मिक मान्यतानुसार बृहस्पतिवार और शुक्रवार को यदि नवरात्र शुरू हों तो माता की सवारी डोली होती है, इसलिए इस बार नवरात्री में देवी मां पालकी में सवार होकर आएंगी। ऐसा माना जाता है नवरात्रि में पालकी पर देवी दुर्गा का आगमन स्त्री शक्ति को विशेष ऊर्जावान व बलवान बनाता है। इस बार महाष्टमी 13 अक्तूबर, महानवमी 14 और दशहरा 15 अक्तूबर को मनाया जाएगा।
ज्योतिष बताते हैं कि नवरात्र की शुरूआत चित्रा नक्षत्र व वैधृति योग में हो रही है, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिये शुभ है। इस बार भी नवदुर्गा पर्व नौ दिन में ही सम्पन्न हो जाएंगे क्योंकि इस बार तृतीया और चतुर्थी को मां चंद्रघंटा और कुष्मांडा का पूजन एक ही दिन शनिवार को किया जाएगा, इसका कारण चतुर्थी तिथि का क्षय होना है।मां के स्वरूप का प्रिय वस्त्र और भोग
स्वरूप वस्त्र भोग
शैलपुत्री पीला गाय का घी
ब्रह्मचारिणी हरा शक्कर
चन्द्रघंटा भूरा खीर
कुष्मांडा नारंगी मालपुआ
स्कंदमाता सफेद केला
कात्यायनी लाल शहद
कालरात्रि नीला गुड़
महागौरी गुलाबी श्रीफल
सिद्धिदात्री बैंगनी चना, हलवा, पूड़ी
घट स्थापना शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:17 से शुरू होकर सुबह 07:07 तक रहेगा। कलश स्थापना अभिजित मुहूर्त सुबह 11:45 से दोपहर 12:32 तक है। घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है। घटस्थापना मुहूर्त निषिद्ध समय चित्रा नक्षत्र के दौरान होगा।