हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई में खुदकुशी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक अधेड़ उम्र शख्स ने खुदकुशी कर ली और इसके पीछे का कारण बेहद चैंकाने वाला है। शख्स ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि सावन का महीना है और महाकाल बुला रहे हैं। इस शख्स ने आत्महत्या के लिए ग्राइंडर का इस्तेमाल किया। इस सनसनीखेज घटना के सामने आने के बाद से पूरे इलाके में सिर्फ इसी सुसाइड की बातें हो रही हैं।
जानकारी के अनुसार, शख्स ने कमरे का दरवाजा बंद कर ग्राइंडर से खुद का गला काट लिया। जब कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो सभी हैरान रह गए। कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसमें मृतक ने लिखा है, सावन का महीना है, महाकाल के यहां जाना चाहिए और वे बुला रहे हैं। हमारी मृत्यु में किसी का भी हाथ नहीं है। परिवार वाले बेगुनाह हैं। आशा करते हैं कि आप लोग समझदार हैं, हो सके तो हमें माफ करना जय जय श्री महाकाल। सुसाइड नोट में मरने की यह वजह जान हर कोई हैरान रह गया।
पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है। बताया जा रहा है कि मृतक घर में मंदिर बनाकर पूजा पाठ करता था और आज उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया। ये हैरान कर देने वाला मामला हरदोई जिले में थाना कोतवाली शहर इलाके के हरीपुरवा गांव का है। 50 वर्षीय संजय द्विवेदी ने घर में अपने कमरे में गए और दरवाजा बंद कर लिया। अंदर संजय ने ग्राइंडर से खुद का गला काट लिया। पत्नी के दरवाजा खटखटाने के बाद भी काफी देर तक जब दरवाजा नहीं खुला तो पत्नी ने बेटे अभिषेक, अनुज और हिमांशु को सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पुलिस को बुलाया गया और कमरे का दरवाजा तोड़ा गया।
कोतवाली शहर इलाके के हरीपुरवा गांव के संजय द्विवेदी (50) भगवान शिव के भक्त थे। शुक्रवार सुबह रोज की तरह उठे और स्नान कर पूजा पाठ किया। पूरा दिन गुजरने के बाद शाम को छत के कमरे में गए और दरवाजा बंद कर पूजा पाठ करने लगे। काफी देर तक जब वह नीचे उतरकर नहीं आए तो रात करीब 10 बजे उनकी पत्नी छत पर कपड़े उठाने गईं और कमरे से कोई आवाज न आने पर खटखटाया। जब दरवाजा नहीं खुला तो बेटों को बुलाया। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर का मंजर देख सब सकते में आ गए। कमरे में मंदिर के पास संजय का गला कटा शव पड़ा था, खून से लाल ग्राइंडर गले से सटा हुआ था। पूजा स्थल के पास ही सुसाइड नोट रखा हुआ था। कमरे की दीवार पर खून के छींटे थे।