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साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए सरकार संकल्पित: सीएम

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साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए सरकार संकल्पित: सीएम

 

साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए सरकार संकल्पित: सीएम
साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए सरकार संकल्पित: सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन देहरादून में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा आयोजित तृतीय पर्वतारोहण अभियान ‘शौर्य’ के फ्लैग ऑफ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए एनडीआरएफ के जवानों को तृतीय पर्वतारोहण अभियान जाने पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा निश्चित ही हमारे जवान इस अभियान में सफल होंगे एवं इस ट्रैक पर आने वाले अन्य पर्वतारोहियों को भी मार्गदर्शन देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा विभिन्न क्षेत्रों में साहसिक गतिविधियों और खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा एनडीआरएफ के जवान आपदा प्रबंधन में अपनी सेवाएँ देने के साथ साहसिक गतिविधियों में भाग लेकर अपने कौशल का विस्तार और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। उन्होंने कहा राज्य में आने वाली हर आपदा में एन.डी.आर.एफ के जवान ग्राउंड जीरो पर रहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन की मजबूती के लिए निरंतर कार्य कर रही है। आपदा प्रबंधन को आवश्यक संसाधनों, अत्याधुनिक उपकरणों और नवीनतम तकनीक से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुखवा भ्रमण के दौरान कई साहसिक खेलों के प्रतिभागियों को स्वयं फ्लैग ऑफ कर रवाना किया था। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सहयोग से राज्य सरकार राज्य को साहसिक खेलों और ईको-टूरिज्म के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री ने माणा गांव से देश के सभी सीमांत के गांवों को देश के पहले गांव की संज्ञा दी थी। डी.जी एनडीआरएफ पीयूष आनंद ने बताया कि ट्रैकिंग का यह अभियान उच्च हिमालय क्षेत्रों में रेस्क्यू करने के लिए भी सहायक सिद्ध होगा। इससे हमारे जवान उच्च हिमालय क्षेत्रों में रेस्क्यू अभियान करने के लिए सक्षम बनेंगे। उन्होंने कहा टाइम ऑफ रेस्पॉन्ड को भी कम किया जा रहा है। इस अभियान में 44 सदस्यों का दल देहरादून, उत्तरकाशी, गंगोत्री, चिरबासा, भोजवासा, तपोवन तथा कीर्ति ग्लेशियर होते हुए लगभग 6,832 मीटर ऊँची श्केदार डोमशश् चोटी को फतह करने के लिए जा रहे हैं। इस चुनौतीपूर्ण ट्रैक में दुर्गम पर्वतीय रास्ते और हिमनद हैं।

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