विभिन्न मांगों को लेकर भाकियू ने भेजा राष्ट्रपति को ज्ञापन

ज्ञापन देते भाकियू के पदाधिकारी
काशीपुर। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत छोड़ो’ ’कॉरपोरेट खेती छोड़ो’ के नारे के साथ भारतीय किसान यूनियन ने उपजिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि सीईटीए नहीं चाहिए, अमेरिका के साथ एफटीए नहीं चाहिए। अमेरिका द्वारा थोपे गए 25 प्रतिशत टैरिफ का विरोध करें, एनपीएफएएम नहीं चाहिए, एनसीपी राष्ट्रीय सहकारी नीति नहीं चाहिए, सी2$50 प्रतिशत फार्मूले पर सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी हो और सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए, समग्र कर्ज माफी हो, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों द्वारा उत्पीड़न बंद हो, बिजली क्षेत्र के निजीकरण का विरोध हो, स्मार्ट मीटर नहीं चाहिए, लंबित बिजली बिलों को माफ किया जाए, ग्रामीण क्षेत्र को 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए, ग्रामीण इलाकों को प्रति दिन18 घंटे बिजली उपलब्ध हो, जिसमें सिंचाई के लिए पंप सेट शामिल हों, राज्य सरकारों ने ग्रामीण उपभोक्ताओं पर आरोप लगाकर बिजली बिलों को कृत्रिम रूप से बढ़ा दिया है जिससे उन्हें बकाया का दोषी ठहराया जा सके, पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति को अस्वीकार करो, 2013 का एलएआरआर अधिनियम सख्ती से लागू करो, सभी सरकारी पेंशन 10,000 प्रति लाभार्थी दी जाए, पुराने ट्रैक्टरों पर प्रतिबंध लगाने की सरकारी नीति को अस्वीकार करते हैं, विश्व आदिवासी दिवस और मूलवासी दिवस, 9 अगस्त 2025 अमर रहे, उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की नीति नहीं चाहिए, पुलिस और प्रशासन द्वारा समर्थित साम्प्रदायिक हिंसा को रोका जाए, अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों और वंचित वर्गों पर धर्म आधारित संगठित गिरोहों द्वारा कानूनविहीन हमले, उनके घरों और झुग्गियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए बुलडोज़र से तोड़ना, डबल इंजन वाली सरकारों में तेजी से बढ़ रहा है। निर्दाेष लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज करना बंद किया जाए, सभी झूठे मुकदमे वापस लिए जाएँ और गिरफ्तार व बंद लोगों को रिहा किया जाए। मछुआरा समुदाय से मुफ्त में नदी में मछली पकड़ने के अधिकार छीनने का आदेश वापस लिया जाए। ज्ञापन देने वालों में रामअवतार उमराह, सतपाल सिंह, शखावत हुसैन, बलजिन्दर सिंह संधू, अवतर सिंह, टीका सिंह सैनी, कल्याण सिंह, बलविन्दर सिंह, पूरन सिंह, कश्मीर सिंह, दीपक सिंह, मनोवर सिंह, रघुवीर सिंह आदि मौजूद थे।