राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता का खिताब जीतकर उर्वशी दत्त बाली ने किया काशीपुर का नाम रोशन
फोटो-2 उर्वशी दत्त बाली
काशीपुर। उर्वशी दत्त बाली ने 30 वर्ष बाद अपना संजोया हुआ सपना पूरा किया और राजस्थान के जयपुर में 19 दिसंबर को हुई सौंदर्य प्रतियोगिता में रैंप पर चलकर क्राउन जीत कर देवभूमि के साथ-साथ काशीपुर का भी नाम रोशन किया है।
1994 में जब सुष्मिता सेन मिस यूनिवर्स बनी थीं तो उर्वशी दत्त बाली पढ़ाई कर रही थीं। उनके पिता फौज में अधिकारी थे और सख्त मिजाज के थे। सुष्मिता सेन को रैंप पर चलते देख उर्वशी दत्त बाली का बहुत मन था कि वह भी इस तरह की प्रतिस्पर्धा में भाग लें मगर पिता उन्हें एक बड़ा पुलिस अधिकारी बनाना चाहते थे। लिहाजा उन्होंने इधर-उधर सोचने की बजाय पढ़ाई करने पर जोर दिया और पिता की सख्ती के आगे उनका सपना धरा रह गया। एक बहन और थी जो डॉक्टर की शिक्षा पूरी कर रही थी और भाई एयरफोर्स में ट्रेनिंग ले रहा था। उर्वशी को बचपन से ही कपड़े डिजाइन करने का बहुत शौक था और कम जेब खर्च होते हुए भी वह जैसे तैसे कर अपनी इच्छा पूरी कर लेती थी। वह बताती हैं कि उनका जो सपना पिता के कारण अधूरा रह गया था वह पति के सहयोग से अब 30 साल बाद पूरा हुआ है। हाल ही में 5 दिसंबर को उन्होंने फॉर्म भरा और 15 दिन पहले मिस इंडिया वग स्टार इंडिया की तरफ से पता चला कि मिस इंडिया कॉन्टेस्ट हो रहा है। देश भर की करीब 2000 महिलाओं में से जो120 महिलाएं इस सौंदर्य प्रतियोगिता के लिए चुनी गई उसमें उनके नाम का भी चयन हो गया और उन्होंने रैंप पर चलकर वग स्टार का सौंदर्य क्राउन जीतने में सफलता हासिल की। काशीपुर के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी महिला ने सौंदर्य प्रतियोगिता में क्राउन जीता हो। श्रीमती बाली का महिलाओं के लिए संदेश है कि महिलाओं को कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए