काशीपुर । आम आदमी पार्टी के चुनाव कैंपेन कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य आंदोलनकारी दीपक बाली ने कहा है कि मेयर चाहतीं तो दो-दो लाॅकडाउन से पीड़ित काशीपुर की आर्थिक रूप से परेशान जनता और व्यापारियों को हाउस टैक्स की पेनल्टी की मार से बचा सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्हें अब जनता को इसका जवाब देना चाहिए। बाली ने कहा कि उन्होंने कई दिन पूर्व नगर निगम आयुक्त को पत्र भेजकर मांग की थी कि दो-दो बार के भयंकर लाॅकडाउन की मार झेल चुकी काशीपुर की गरीब जनता एवं व्यापारियों से निर्धारित अवधि में हाउस टैक्स व अन्य देनदारी न दे पाने के कारण नगर निगम द्वारा जो पेनल्टी वसूली जा रही है वह न वसूली जाए जिसके जवाब में उनके संज्ञान में आया है कि मेयर और नगर निगम बोर्ड यदि काशीपुर की आर्थिक रूप से परेशान गरीब जनता व कारोबार ठप्प होने से परेशान व्यापारियों के प्रति गंभीर होते तो जनता और व्यापारी इस पेनल्टी से बच सकते थे क्योंकि समय रहते मेयर अपने बोर्ड की बैठक बुलाकर टैक्स जमा करने की 31 अक्टूबर की अंतिम तिथि को प्रस्ताव पास कराकर आगे बढ़वा सकती थीं, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। अब पेनल्टी माफ करने का अधिकार नगर निगम आयुक्त के पास नहीं है और यह शक्ति केवल प्रदेश सरकार के पास है। ऐसे में मेयर चाहे तो अभी भी काशीपुर की गरीब जनता इस पेनल्टी से बच सकती है क्योंकि प्रदेश में उन्हीं की पार्टी की सरकार है। उन्हें चाहिए कि वह तत्काल देहरादून जाएं और अपनी प्रदेश सरकार से काशीपुर की जनता पर पड़ी पेनल्टी की मार को खत्म कराने का आदेश लेकर आएं। आप नेता बाली ने कहा है कि हर चुने हुए जनप्रतिनिधि का नैतिक धर्म बनता है कि वह अपनी जनता को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करे, किन्तु लगता है मेयर ने अपना धर्म नहीं निभाया। निभाया होता तो आज काशीपुर की जनता पेनल्टी न भर रही होती। ऐसे में काशीपुर की जनता को समझ जाना चाहिए कि उसने जिसे अपना मेयर चुना था वे अपनी ही सरकार के होते हुए भी जनता की मदद नही कर रही हंै, आखिर क्यों? वे जनता के प्रति थोड़ी सी भी जागरूक होतीं तो इस मामले में शासन के पास जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती, क्योंकि अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने का अधिकार तो उनके और उनके बोर्ड के पास ही था लेकिन उन्होंने उसका निर्वाह नहीं किया।