मरने के बाद भी दुनियां देख सकेंगी मंजू चतुर्वेदी की आंखें

काशीपुर। 83 वर्षीय मंजू चतुर्वेदी की आंखें मरने के बाद भी दुनियां देख सकेंगी। मोहल्ला किला निवासी अमित चतुर्वेदी की मां मंजू चतुर्वेदी का देहावसान हो गया। उनकी इच्छा के अनुसार सीएल गुप्ता मुरादाबाद से आई नेत्र विभाग की टीम ने नेत्रदान की औपचारिकता पूर्ण की।
उल्लेखनीय है कि मंजू चतुर्वेदी की समाजसेवा और धर्मिक कार्यों में विशेष रूचि थी। 26 जनवरी को उनका निधन हो गया। वसुधैव कुटुम्बकम के दायित्वधारियों और पंकज टंडन की देखरेख में सीएल गुप्ता मुरादाबाद से आई नेत्र विभाग की टीम ने मंजू चतुर्वेदी की दान की गई आखंे ;कॉर्नियाद्ध प्राप्त कीं। वसुधैव कुटुम्बकम् के अध्यक्ष विकास जैन ने बताया कि नेत्रदान करने पर किसी प्रकार का देह भंग नहीं होती। वसुधैव कुटुम्बकम् के सचिव प्रियांशु बंसल, संरक्षक योगेश जिंदल, संस्थापक सदस्य अजय
अग्रवाल, आशीष गुप्ता, दीपक मित्तल, अनुज सिंघल, अंकुर मित्तल, सीए सचिन अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, प्रांशु पैगिया ने इस महान कार्य के प्रति चतुर्वेदी परिवार का आभार व्यक्त किया है।