देहरादून। राजधानी देहरादून में 05 सितम्बर को आयुध निर्माणी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा ‘‘ऐतिहासिक शिक्षक दिवस’’ मनाया जा रहा है। जिसमें वर्ष 1960 से लेकर वर्ष 2020 में स्कूल पास आउट हुए पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा अपने भूतपूर्व स्कूल व अपने शिक्षकों के सम्मान में भारत वर्ष छात्र-छात्राएं एकत्रित होंगे। यह अपने आप मे भारत का पहला ऐसा शिक्षक दिवस है जोकि ऐतिहासिक होने जा रहा है। इसके विषय मे आयुध निर्माणी पूर्व छात्र ग्रुप बनाने वाले एडमिन आरिफ खान ने पत्रकार वार्ता मे बताया कि ये अपने आप मे ऐसा अनोखा विषय है जिसके बारे मे सोचते तो सब होंगे, किन्तु अपने व्यस्त जीवन से समय निकाल कर उस पर अमल करने का साहस अभी तक शायद ही किसी ने किया हो। आरिफ खान के अनुसार एक मित्र के कहने पर जब वो अपने पूर्व क्लासमेट साथियों मनिन्दर साही और अनूप भट्ट के साथ 07 अगस्त को अपने पूर्व स्कूल पहुंचे जिसे वो और उनके साथी 28-30 वर्ष पूर्व हाईस्कूल के बाद छोड़ चुके थे। उन्हें वर्तमान प्रधानचार्य से जानकारी हुई कि अब बच्चों की संख्या कम होने के कारण शायद स्कूल बंद होने की आशंका है। इस सम्बंध मे सुनकर सबको बहुत अफसोस हुआ और उन्होंने निर्णय लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वो सभी साथी मिलकर अपने पूर्व स्कूल को बचाने का भरकस प्रयास करेंगे । जिसके लिए उन्होंने पूरे स्कूल की एक वीडियो बनाई और उसे फेसबुक और व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाकर वायरल कर दी देखते ही देखते यह वीडियो इतनी वायरल हुई और ग्रुप में उस स्कूल से पास आउट हुए पूर्व छात्र-छात्राओं ने जुड़ना शुरू कर दिया। आज इस ग्रुप मे देश-विदेश में रह रहे वर्ष 1958 से लेकर 2020 तक के पूर्व छात्र-छात्राएं जुड़ चुके हैं। चूंकि इस स्कूल और यहां के शिक्षकों ने उनको अक्षर ज्ञान देकर आज इस मुकाम तक पहुंचाया है।