काशीपुर। भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा है कि काशीपुर के पूर्व विधायक राजीव अग्रवाल द्वारा मेरी छवि धूमिल करने के भरपूर प्रयास किए गए। काशीपुर में वर्ष 2017 में रिटर्निंग ऑफिसर/उपजिलाधिकारी दयानंद सरस्वती के सम्मुख कई ऐसे सवाल उनके द्वारा उठाए गए जिनका कोई ठोस कानूनी आधार नहीं था। निर्वाचन रद्द कराने के लिए इनके द्वारा तमाम अनर्गल हथकंडे अपनाए गए लेकिन अंततः जीत सत्य की हुई और पूर्व विधायक राजीव अग्रवाल और उनके सहयोगी स्वयं को भाजपा नेता कहलाने वाले जेएस नरूला अपने मंसूबों को परवान चढ़ाने में कामयाब नहीं हो सके। विधायक चीमा के मुताबिक, जब इन दोनों की दाल यहां नहीं गली तब इन दोनों ने नैनीताल हाईकोर्ट में उन्हीं प्रश्नों पर याचिका दायर की। माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल के विद्वान न्यायाधीश श्री आरसी खुल्वे द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर इनके अधिवक्ता नहीं दे सके, जबकि हमारे अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल व उनके सहयोगी अधिवक्ताओं द्वारा प्रत्येक तथ्यों को सही साबित करने पर विद्वान न्यायाधीश श्री खुल्वे ने इनकी याचिका को खारिज करते हुए फैसला मेरे पक्ष में दिया। उधर, विधायक श्री चीमा ने कहा कि दो-दो बार पार्टी से निकाले गए उपरोक्त दोनों व्यक्ति अपने ही भाजपा विधायक की हाईकोर्ट तक खिलाफत करते हैं, तो क्या हमारी पार्टी का इनके बिना काम नहीं चलता, समझ में नहीं आता। वहीं, विधायक चीमा ने कहा कि काशीपुर के छोटे-बड़े मार्गों पर अमृत योजना के तहत पेयजल व्यवस्था किये जाने हेतु जल निगम कई स्थानों पर नई बनी सड़कों को भी ध्वस्त कर रहा है। कई बैठक कर इन सड़कों की मरम्मत हेतु आगाह किया गया, लेकिन इनके द्वारा खुदाई किये जाने से सड़कें अस्त-व्यस्त हो गईं। श्री चीमा के मुताबिक, जल निगम का यह कहना है कि संबंधित कार्यों के प्रति नगर निगम को राशि दी जाती है, लिहाजा इसकी जिम्मेदारी नगर निगम की है। वहीं, नई सड़कें खोदने से जनता में रोष व्याप्त है। इससे छोटे वाहन भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।