भोपाल । मप्र में डेंगू के मामले बढ़कर 10,000 के पार हो गए हैं। डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट तेजी से कम होते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि बकरी का दूध, कीबी फल और नारियल का पानी मरीज को देने से प्लेटलेट बढ़ जाते हैं। इस कारण जहां इनकी डिमांड बढ़ी है तो वहीं इनके दाम भी बढ़ गए हैं।
नगर निगम ने विभिन्न वार्डों में फॉगिंग और कीटनाशक का छिड़काव किया। वाटर कैनन व्हीकल से भी दवा छिड़की गई। एंटी लार्वा सर्वे में 58 जगहों पर लार्वा मिला। सभी के ऊपर जुर्माना लगाकर 7250 रुपए वसूले गए। जवाहर कॉलोनी में कूलर एवं पानी की टंकी में गंदा पानी मिलने पर 200 रुपए का जुर्माना लगाया गया।
250 रुपए लीटर तक बिक रहा बकरी का दूध
नारियल पानी- पहले 40 रुपए में बिकने वाला नारियल अब 50 से 60 रुपए में िबक रहा है। विक्रेताओं का कहना है कि डिमांड बढने के कारण दाम औैर बढ़ सकते हैं।
बकरी का दूध- पहले 50 से 60 रुपए प्रति लीटर आसानी से मिल जाता था। डेंगू के मरीज बढने के कारण अब बकरी का दूध 200 से 250 रुपए लीटर तक बिक रहा है। कई जगह तो 300 रुपए तक लीटर तक दूध बिक रहा है।
कीवी- एक पैकेट कीवी बीते माह 400 रुपए का बिक रहा था जो अब 800 रुपए का मिल रहा है। कीवी का एक फल 40 से 50 रुपए में मिल रहा है। पहले यह 25 रुपए में मिल रहा था।
भोपाल में 578 पहुंची डेंगू मरीजों की संख्या
कोरोना संक्रमण के साथ डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या भी चिंता बढ़ा रही है। पिछले 24 घंटे में डेंगू के 7 नए केस मिले हैं। इसके साथ ही राजधानी भोपाल में डेंगू मरीजों की संख्या 578 पहुंच गई है। इनमें 203 केस ऐसे हैं, जो अक्टूबर में ही मिले हैं। बता दें कि पिछले 24 घंटे के भीतर जिला मलेरिया विभाग ने शहर के 1404 घरों में लार्वा सर्वे किया। इनमें से 92 घरों में लार्वा पाया गया। इन्हें नष्ट करने की कार्रवाई की गई। जिला मलेरिया विभाग की टीम नगर निगम के अमले के साथ सर्वे कर रही है। जहां लार्वा पाया जा रहा है, वहां पर जुर्माने की कार्रवाई भी की जा रही है।
चिकनगुनिया के केस भी 100 के पार
डेंगू के साथ ही चिकनगुनिया संक्रमितों की संख्या भी बढ़ रही है। हालांकि, 24 घंटे में कोई भी संक्रमित नहीं मिला लेकिन चिकनगुनिया के केस भी अब तक 100 के पार हो गए हैं। जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने बताया, जिन घरों में लार्वा सर्वे किया गया, वहां पर लार्वा नष्ट करने के लिए टेमोफोस की दवा भी डाली गई है। लार्वा मिलने पर विनिष्टीकरण के लिए बड़ी टंकियों, छोटे कंटेनरों का पानी खाली कराया गया। वहीं, डेंगू मरीज के घर एवं आसपास के क्षेत्र में सोर्स रिडक्शन की एक्टिविटी भी की गई।