-पिता ने किया कन्यादान, महिलाओं ने गाए मंगल गीत
चूरू। राजस्थान के चूरू जिले के एक छोटे से गांव सहनाली गांव में ना तो दूल्हा है और ना ही दुल्हन, लेकिन फिर भी पंडित की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सगाई से लेकर विदाई तक की रस्म अदायगी राजस्थानी अंदाज में की गई। गांव की महिलाओं ने मंगल गीत गाए, पिता ने कन्यादान किया। दरअसल, गांव सहनाली बड़ी के कृषि विभाग में प्रोफेसर गजेन्द्र सिंह राठौड़ की बेटी निहारिका दो साल पहले अपनी बड़ी बहन प्रियांगिनी के साथ टूरिस्ट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया (सिडनी) गई थी। कोरोना महामारी के चलते वहां की सरकार निहारिका का वीजा बढ़ाती रहीं। इधर निहारिका के दूल्हे प्रोफेसर आरएस शेखावत के पास ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता होने के कारण दो साल तक भारत नहीं आ सकते थे। लड़के और लड़की दोनों के माता-पिता राजस्थान में ही थे, जिन्हें कोरोना संक्रमण के चलते वहां आने की इजाजत नहीं मिल पाई। ऐसे में परिवार ने दोनों की ऑनलाइन शादी कराने का फैसला किया।
इसके बाद गांव में ही निहारिका का पांच दिन का बान बैठाया गया। 20 नवंबर को धार्मिक रीति-रिवाज से ऑनलाइन विवाह संपन्न कराया गया। राजस्थानी परंपरा को ध्यान में रखते हुए वधु पक्ष के लोगों ने फेरों का सामान, शादी का जोड़ा आदि पारम्परिंक सामान कोरियर से ऑस्ट्रेलिया भेजा गया। लड़के का टीका, सगाई समारोह भी ऑनलाइन ही किया गया था। ऑनलाइन की गई यह सभी रस्में सहनाली छोटी के पंडित सुरेश शर्मा ने करवाई। निहारिका की बड़ी बहन डॉ। प्रियंका ने बताया कि शादी से एक महीने पहले ही दुल्हे की शेरवानी का नाप जोधपुर में ऑनलाइन ही लिया गया था। निहारिका की ड्रेस, साफा ओर अन्य सामान भी यहीं से सिडनी भेजा गया था। इसके अलावा बान, रातीजोगा और फेरों का सामान भी यहीं से भेजा गया था। ऑनलाइन शादी समारोह में वर-वधु पक्ष के रिश्तेदार, परिजन और जानकार जुड़े रहे।