परिवार का सहारा बनने गरीबी का सामना कर युवती ने की थी इंजिनियरिंग की पढाई

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– दो साल से नौकरी न मिलने के कारण डिप्रैशन मे आकर फांसी लगाकर की आत्महत्या
भोपाल। शहर मे रहकर माली का काम करने वाले गरीब पिता ने जैसै तैसै अपनी बडी बेटी को इजिनियरिंग की पढाई करवाई। बेटी भी अपने परिवार का सहारा बनना चाहती थी, लेकिन दो साल से नौकरी न मिलने के कारण वो इतनी डिप्रैशन मे आ गई कि उसने फांसी लगाकर की खुदकुशी कर ली। दर्दनाक घटना शहर के कोलार इलाके की है। हालांकि मृतका इंजीनियर युवती के पास से पुलिस को फिलहाल कोई सुसाइड नोट या अन्य सुराग नहीं मिला है। लेकिन उसके परिजनों ने पुलिस को शुरुआती बातचीत मे बताया है कि उनकी बेटी लगातार दो सालों से नौकरी के लिए परेशान हो रही थी। अच्छी पढाई के बाद भी जब उसे बेहतर जॉब नहीं मिली तो वो डिप्रेशन में रहने लगी थी। पुलिस ने बताया कि बासंखेडी मे रहने वाली 24 वर्षीय आकृति कुशवाह पुत्री रामनरेश कुशवाह इलेक्ट्रानिक इंजीनियर थी। उसके परिवार में माता पिता के साथ ही 11 साल की बहन और 10 साल का भाई है, ओर वो दोनों स्कूली पढाई कर रहे हैं। माली का काम करने वाले आकृति के पिता ने किसी तरह से आकृती को बेहतर शिक्षा दिलाई थी। बीती शाम को युवती ने अपने घर के कमरे में मां की साड़ी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। मृतका के पिता ने पुलिस पुलिस को बताया कि आकृति दो साल पहले पढ़ाई पूरी कर चुकी थी। इसके बाद से ही वो नौकरी के लिए भटक रही थी। कई जगह इंटरव्यू देने के बाद भी उसे सही नौकरी नहीं मिल रही था। इसी बात को लेकर वो तनाव में रहती थी। वही आसपास के लोगों ओर अन्य रिश्तेदारों ने भी उसके नौकरी न मिलने से तनाव में रहने की बात पुलिस को बताई है। पुलिस का कहना है, कि मृतका के मोबाइल की जांच कराई जाएगी। ओर फोन पर युवती से अधिक संपर्क में रहने वालों से भी पूछताछ की जाएगी। हालांकि शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस का अनुमान है कि नौकरी न मिलने से डिप्रैशन मे आकर ही युवती ने यह आत्मघाती कदम उठाया है। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की पडताल शुरु कर दी है।

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