जीवन को भी आनंद देने वाला मेला बनाएं झमेला नहीं: श्री हरि चैतन्य महाप्रभु

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काशीपुर। स्वामी हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने आज गढ़ीनेगी स्थित श्री हरि कृपा धाम आश्रम में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि मेले समृ( संस्कृतिक विरासत व भारतीय लोक संस्कृति के प्रतीक हैं। मेला मिलाप शब्द का पर्याय है। जहां हम आपस में प्रेम,एकता, सद्भाव व सौहार्द पूर्ण वातावरण में बिना किसी भेदभाव के मिलते हैं। उन्होंने कहा कि मेले में जाकर आनंद आता है लेकिन यदि मेले में ठीक से चलना, बोलना व व्यवहार करना ना आए तो मेला कब झमेला बन जाता है पता भी नहीं चलता। अधिकांशतः लोगों का जीवन भी आनंद देने वाला मेला ना होकर झमेला ही बना हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रभु नाम लेकर उस पर दृढ़ विश्वास रखते हुए हम कोई भी कार्य करते हैं तो कदम कदम पर रक्षा करने वाले हमारे परमात्मा श्री हरि हमारे साथ होते हैं तो भय कैसा? अपने धारा प्रवाह प्रवचनों से उन्होंने सभी भक्तों को मंत्र मुग्ध वा भाव विभोर कर दिया। सारा वातावरण श्री गुरु महाराज कामां के कन्हैया व लाठी वाले भैय्या की जय जयकार से गूँज उठा।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों के साथ साथ विधायक रामनगर दीवान सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक जसपुर शैलेन्द्र मोहन सिंघल, पूर्व न. पा अध्यक्ष भागीरथ चौधरी, न.पा अध्यक्ष ऊषा चौधरी व अन्य कांग्रेस व बीजेपी के नेता व गणमान्य लोग श्री महाराज जी के दर्शनों व आशीर्वाद लेने पहुँचे।

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