काशीपुर। न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज जूनियर डिवीजन ने चेक बाउंस के मामले में एक आरोपी को दोषी करार देकर तीन माह के कारावास व चार लाख चालीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की धनराशि में से चार लाख तीस हजार रुपये परिवादी को प्रतिकार के रुप में देय होगा।मोहल्ला बांसफोड़ान निवासी संजय सक्सेना पुत्र ह्रदय नारायण सक्सेना ने अधिवक्ता संजय रुहेला के द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज जूनियर डिवीजन कल्पना की कोर्ट में परिवाद दायर किया। जिसमें कहा उसने महुआडाबरा तहसील जसपुर निवासी मोहम्मद उमर पुत्र अब्दुल अजीज अंसारी से उसके अच्छे संबंध रहे हैं। मोहम्मद उमर ने अपने बेटे अकील को विदेश भेजने के लिए फरवरी 2014 में चार लाख रुपये उधार लिए थे। जब उसने छह माह बाद रकम वापस करने को ताकादा किया तो वह टालमटोल करने लगा। उसे इलाहाबाद बैंक शाखा महुआडाबरा तहसील जसपुर के अपने खाता का चार लाख रुपये का चेक 20 सितंबर 2014 को गवाह नरेंद्र कुमार वर्मा को दिया। जब उसने उक्त चेक अपने बैंक पंजाब नेशनल बैंक के खाते में 20 सितंबर 2014 को लगाया। क 24 सितंबर 2014 को बैंक खाते में अपर्याप्त धनराशि नहीं को कारण बताते हुए बैंक मीमो के साथ उसे वापस कर दिया। इस मामले में मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट काशीपुर ने आरोपी मोहम्मद उमर को दोषी करार देकर तीन माह का कारवास और अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर दोषी को दो माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वही फैसले में कहा दोषी द्वारा पूर्व में जेल में बिताई अवधि इस सजा में समायोजित की जाएगी।