कंगाल पाकिस्तान में प्लास्टिक बैग में हो रही कुकिंग गैस की सप्लाई !

Spread the love

इस्लामाबाद। क्या आपने कभी प्लास्टिक की थैली में किसी को एलपीजी ले जाते देखा है तब आपका जवाब नहीं होगा। लेकिन पाकिस्तान में ये आम हो गया है। यहां सबसे ज्यादा गैस उत्पादक प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में परेशान लोग थैलियों में गैस भराकर खाना पका रहे हैं। इस प्रांत में गैस सिलेंडर आम लोगों की पहुंच से काफी दूर है। जानकार इन थैलियों को चलता-फिरता बम बता रहे हैं। श्रीलंका के बाद पाकिस्तान आर्थिक तंगी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। पाक में रसोई गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं इसकारण आम लोगों की पहुंच से काफी दूर हो गई है।
लगातार बढ़ रही महंगाई ने इतने हालात इतने बिगाड़ दिए हैं कि लोगों को प्लास्टिक की थैलियों में रसोई गैस बेचने और खरीदने पर मजबूर कर दिया है। जी हां पाकिस्तान में लोग अब थैलियों में एलपीजी यानि कुकिंग गैस भरकर लेकर जा रहे हैं। पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई के दौर में गैस भंडारण में कमी आई है। घटते गैस भंडार ने अधिकारियों को घरों फिलिंग स्टेशनों और औद्योगिक इकाइयों को आपूर्ति कम करने के लिए मजबूर कर दिया है। एक बड़ी आबादी के पास गैस कनेक्शन नहीं है। गैस की कमी और उच्च दरों पर मिल रही कुकिंग गैस व पेट्रोलियम उत्पादों भी एक बड़ी वजह है कि लोग ऐसे तरीके अपनाने को मजबूर हैं। सिलेंडर की ऊंची कीमत इसे लोगों के लिए और ज्यादा मुश्किल बना रही है।
सिलेंडरों के महंगे दाम होने की वजह से प्लास्टिक थैली में गैस 500 से 900 रुपये तक में मिल रही है। इनकी कीमत अलग-अलग थैलियों की साइज पर निर्भर करती है। इस भरने वाला कंप्रेशर 1500 से 2000 रुपये में उपलब्ध है। रिपोर्ट के मुताबिक कॉमर्शियल गैस सिलेंडर करीब 10000 पाकिस्तानी रुपए में मिलता है इस खरीदना हर किसी के बस में नहीं है।
बता दें कि सबसे ज्यादा गैस का उत्पादन खैबर पख्तूनख्वाह में ही होता है। 2020 में 85 लाख बैरल से ज्यादा का तेल उत्पादन हुआ था जबकि 64967 मिलियन क्यूबिक फीट गैस भी यहीं के पांच फील्ड से निकली थी। बावजूद इसके यहां के इलाकों में लोग प्लास्टिक बैग में गैस लेने को मजबूर हैं। पख्तूनख्वा के कराक जिले में 2007 से लोगों को गैस कनेक्शन नहीं दिए गए हैं वहीं जहां पड़ोस के हांगू जिले की सप्लाई लाइन से गैस मिलती है वो भी पिछले 2 सालों से टूटी पड़ी है। जिस जगह पाइप टूटी है वहां लोग 2 घंटे लंबी लाइनों में लगकर प्लास्टिक में गैस भरके ले जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

hello