इस माह 8 अरब हो जाएगी पृथ्वी की जनसंख्या

Spread the love


लंदन । इस माह धरती पर इंसानों की आबादी 8 अरब की संख्या को पार कर जाएगी। मानव प्रजाति का उद्भव पृथ्वी पर 20 लाख साल पहले हुआ था। तब से संसार में मानव जनसंख्या बीच-बीच में कुछ रुकावटों के बावजूद बढ़ती ही जा रही है, जिसमें उल्लेखनीय जनसंख्या विस्फोट 19वीं सदी के बाद ही देखने को मिला है। मानव जनसंख्या का यहां तक पहुंचना कोई सरल सीधी घटना नहीं है।
जीवाश्मों से मिली जानकारी बताती है कि सबसे पहला मानव 28 लाख साल पहले पूर्वी अफ्रीका में रहता था। तब से अब तक के इतिहास के प्रमाण यही बताते हैं कि मानव जनसंख्या ने तमाम तरह की आपदाओं और समस्याओं को झेलते हुए बढ़ोत्तरी ही की है और 20वीं सदी में तो ऐसा जनसंख्या विस्फोट देखने मिला है कि आज हम 8 अरब हो गए हैं। फिर भी यह सच ही है कि हमारे पास 19वीं सदी से पहले की जंनसंख्या के विश्वसनीय आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, जिससे सही तस्वीर नहीं मिलती है। हम जो जानते हैं उससे भी काफी कुछ पता चलता है। शुरू में मानव शिकारी और खाद्य सामग्री जमा करने का काम ही करते थे। उनके कम बच्चे हुआ करते थे।
वैज्ञानिकों का कहना है कि शिकारी और खाद्य सामग्री जमा करने वाली जीवन पद्धति के चलते उन्हें अपने भोजन की जरूरतों के चलते उन्हें बहुत बड़े इलाके की जरूरत होती थी जो एक व्यक्ति के लिए करीब 10 वर्ग किलोमीटर के बराबर हुआ करता था। लेकिन जैसे ही इंसान बस्ती में बसना शुरू हुआ सभ्यता के साथ-साथ दुनिया की जनसंख्या भी बढ़ने लगी। समय के साथ केवल धीरे-धीरे ही जनसंख्या रही।  इस बढ़ती जनसंख्या में सबसे बड़ा योगदान खेती का ही था क्योंकि उससे ज्यादा से ज्यादा लोगों के भोजन की समस्या निपटने में मदद मिली। खेती से भोजन का भंडारण संभव हो गया और लोगों को पोषण वाला भोजन भी मिलने लगा जिससे जन्मदर भी बढ़ने लगी क्योंकि महिलाएं सेहतमंद रहने लगीं और उन्हें बच्चा पैदा करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती थी।
लेकिन स्थायी बसाहट से कई तरह की समस्याएं भी आई। पालतू जानवरों के रखने से कई तरह की बीमारियां भी आईं। उस दौर में बच्चों के मरने की दर ज्यादा थी। एक तिहाई बच्चे साल भर के अंदर मर जाते थे और दूसरे एक तिहाई 18 साल की उम्र से पहले। अनुमानों के अनुसार दस हजाह ईसा पूर्व में 60 लाख की जनसंख्या से 2000 ईसापूर्व तक जनसंख्या करीब 10 करोड़ और  उसके बाद पहली ईस्वी के बाद 25 करोड़ हो गई। 14वीं सदी में ब्लैक डेथ में यूरोप सहित दुनिया में बहुत बड़ी मात्रा जनसंख्या साफ करने का काम किया। इसकी वजह से 1300 की करीब 43 करोड़ की जनसंख्या केवल 37 करोड़ ही रह गई। इसके बाद कई सदियों तक कभी महामारी तो कभी युद्धों ने दुनिया की आबादी घटने का काम किया। 19वीं सदी में जनसंख्या में विस्फोट देखने को मिला, जिसके चिकित्सा विज्ञान और कृषि का औद्योगीकरण प्रमुख कारण थे।
1800 से दुनिया की जनसंख्या 8 गुना बढ़ गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी प्रमुख जीवन रक्षक दवाइयां और टीकों का विकास है। इसमें चेचक का टीका सबसे प्रमुख माना जाता है। इसके अलावा 1970 और 1980 के दशक में एक ही क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिला। हृदय कि चिकित्सा में उपचारों की सफलता ने मृत्यु दर में भी भारी कमी कर दी। ऐसी ही वजहों से दुनिया 1975 में 4 अरब, 1987 में 5 अरब, 1999 में 6 अरब, 2011 में 7 अरब और अब इसी महीने 8 अरब की हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

hello