काशीपुर में ही खुलना चाहिए एम्स का सैटेलाइट सेंटर

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काशीपुर। ऋषिकेश एम्स के सैटेलाइट सेंटर को किच्छा में स्थापित किये जाने की सूचना से काशीपुरवासियों को बड़ा झटका लगा है। स्थानीय लोग एम्स को काशीपुर में खोले जाने की मांग काफी समय से करते आ रहे थे और कुमाऊं क्षेत्र के लिए इसका सैटेलाईट सेंटर स्वीकृत होने के बाद काशीपुर के लोगों को पूरी उम्मीद थी कि कुमायूं का प्रमुख द्वार होने के चलते एम्स काशीपुर में ही स्थापित होगा, क्योंकि यहां इसके खुलने से रामनगर होते हुए पूरा कुमाऊं क्षेत्र इससे जुड़ जाता, लेकिन एकाएक इसे किच्छा में खोले जाने की बात सामने आ रही है। इससे काशीपुर की जनता खासी निराश है। कुमाऊं क्षेत्र के अन्य बड़े शहरों में पहले से ही मेडिकल कॉलेज हैं या निर्माणाधीन हैं इसलिए एम्स के सैटेलाइट सेंटर को काशीपुर में ही खोला जाना चाहिए। अगर किच्छा में एम्स की शाखा खुलती है तो कुमाऊं की जनता को इसका पूरा लाभ नहीं मिल सकेगा। कुमाऊं के लोगों को किच्छा जाने के लिए पहले हल्द्वानी पहुुंचना होगा उसके बाद वह किच्छा जा सकेंगे और हल्द्वानी में पहले ही बेहतर मेडिकल सुविधा उपलब्ध है। गौरतलब है कि काशीपुर उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश बॉर्डर से सटे ऊधमसिंह नगर का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है। साथ ही औद्यौगिक क्षेत्र भी है। यहां कोई बड़ा हॉस्ंिपटल न होने से न सिर्फ काशीपुर बल्कि जसपुर, बाजपुर, रामनगर समेत आसपास की जनता को इलाज हेतु हल्द्वानी, देहरादून या फिर )षिकेश जाना पड़ता है। यदि काशीपुर में एम्स खोला जाये तो काशीपुर ही नहीं बल्कि आसपास क्षेत्र की जनता को इसका भारी लाभ मिलेगा। यहां उत्तराखण्ड के साथ-साथ यूपी के क्षेत्र ठाकुरद्वारा, दढ़ियाल, अफजलगढ़ आदि से बड़ी संख्या में लोग उपचार के लिए आते हैं। वैसे भी एम्स हॉस्पिटल खोले जाने को लेकर एस्कॉर्ट फार्म की सरकारी भूमि उपयुक्त है। लोगों का कहना है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों में कोई दम ही नहीं है, जिस कारण लगातार काशीपुर की उपेक्षा हो रही है। रोडवेज बस स्टैण्ड जर्जर हालत में है। बस पकड़ने के लिए लोग जगह-जगह भटक रहे हैं। पता ही नहीं चलता कि बस कहां से पकड़नी है। गिरीताल, द्रोणासागर को कब से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने की मांग हो रही है लेकिन वह आज तक पूरी नहीं हो सकी। देहरादून के लिए ट्रेन की मांग वर्षों से की जा रही है वह तो पूरी हुई नहीं और हरिद्वार की ट्रेन को और बंद कर दिया गया। वहीं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते करीब चार साल से बन रहा फ्लाईओवर काशीपुर की जनता के लिए भारी परेशानी का सबब बना हुआ है। खास बात यह है कि जनप्रतिनिधि ही नहीं सरकारी मशीनरी भी निर्माणदायी संस्था पर कोई ठोस कार्यवाही आज तक नहीं कर सकी है। नतीजतन एमपी चौक के आसपास के व्यापारियों का कारोबार चौपट है।

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